दंतेवाड़ा से अब हो रही बेंगलुरु जैसे सिटी में कपड़ों की सप्लाई, महिलाएं बन रही हैं आत्मनिर्भर

दंतेवाड़ा. छत्तीसगढ़ के अतिनक्सल प्रभावित जिला दंतेवाड़ा (Dantewada) की चर्चा इन दिनों पूरे राज्य में खूब हो रही है. लेकिन खास बात यह है कि इस बार जिले की चर्चा नक्सलियों के लिए नहीं बल्कि महिलओं की मेहनत और लगन को लेकर हो रही है. इन महिलाओं द्वारा सिलाई किए गए कपड़े छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि  बेंगलुरु (Bangalore) जैसे शहरों में भी धूम मचा रहे हैं. लोग इनके द्वार सिले कपड़े को पसंद के साथ खरीद रहे हैं. दरअसल, जिले में महिलाओं को रोजगार देने के लिए जिले में नवा दंतेवाड़ा गारमेंट डेनेक्स (Nava Dantewada Garment Denex) नाम से एक फैक्ट्री खुली है. ब्रांड का नाम है ‘डेनेक्स’ यानी दंतेवाड़ा नेक्स्ट है. इस ब्रांड के कपड़े कोई और नहीं बल्कि गांवों की महिलाएं ही सिल रही हैं और ये अब अलग- अलग माध्यमों से देशभर के बाज़ारों में भेजे जा रहे हैं.

जानकारी के मुताबिक, इस फैक्ट्री के खुलने से यहां पर काम कर रही महिलओं की आय में वृद्धि हुई है. इससे इन लोगों की जिंदगी में खुशहाली आई है. हारम गांव में खुली इस फैक्ट्री में अभी दो शिफ्टों में काम किया जा रहा है. लगभग 400 ग्रामीण महिलाएं काम कर रही हैं. पहले सिलाई सीख चुकी महिलाएं अभी यहां मास्क, शर्ट, कुर्ता बना रही हैं. वहीं, नए लोगों की ट्रेनिंग भी चल रही है. खास बात यह है कि इसे चला रही महिलाएं 45 दिन की ट्रेनिंग के बाद  चार महीने में ही साढ़े सात करोड़ की 1.27 लाख शर्ट्स सिल चुकी हैं. इन्हें दिल्ली और बैंगलुरु जैसे शहरों में भेजा गया है. वहीं, फैक्ट्री में काम कर रही महिलाएं महीने में 8 से 9 हजार रुपए कमा रही हैं.

हर महिने 7000 रूपये की आमदनी प्राप्त हो रही है
बता दें कि बीते जुलाई महीने में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने वर्चुअल माध्यम से नवा दंतेवाड़ा गारमेंट फैक्ट्री डेनेक्स की दूसरी यूनिट का बारसूर में लोकार्पण किया था. तब दंतेवाड़ा डेनेक्स फैक्ट्री से सफेद अमचुर की पहली खेप और एक करोड़ 20 लाख रूपए के रेडीमेट वस्त्रों की खेप बैंगलुरु के लिए रवाना की गई थी. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर डेनेक्स फैक्ट्री में काम करने वाली महिलाओं से वर्चुअल चर्चा की थी. मुख्यमंत्री ने इन महिलाओं के हौसले की तारीफ की थी. तब दंतेवाड़ा जिले में रहने वाली श्रीमती अंजू यादव ने मुख्यमंत्री को बताया था कि उनके गांव हारम में 31 जनवरी 2021 को नवा गारमेण्ट फैक्ट्री डेनेक्स का उद्घाटन हुआ था, जहां उन्हें ट्रेनिंग उपरांत काम मिला. अंजू यादव ने बताया था कि इससे पहले वे घर पर ही सिलाई का कार्य करती थी. महीने में मात्र 2 हजार ही बड़ी मुश्किल से कमा पाती थी. अब फैक्ट्री खुलने से उन्हें हर महिने 7000 रूपये की आमदनी प्राप्त हो रही है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button