
पत्रकारों पर हमले से आक्रोश, पुलिस कार्रवाई पर सवाल
ग्रामीण बोले– बाहरी लोगों से कराई गई फर्जी ग्रामसभा, आंदोलन की चेतावनी
रायगढ़, 22 अगस्त 2025।
रायगढ़ में अडानी कंपनी के खिलाफ पत्रकारों और ग्रामीणों का गुस्सा लगातार उबाल पर है। 6 अगस्त को कलेक्ट्रेट परिसर में पत्रकारों पर हुए हमले और खुलेआम जान से मारने की धमकी के बाद अब ग्रामीणों ने कंपनी पर फर्जी ग्रामसभा कराने का गंभीर आरोप लगाया है।
पत्रकारों से मारपीट और धमकी का मामला
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कलेक्ट्रेट परिसर में खदान समर्थन में पहुंचे कुछ लोग जब विस्थापन और ग्रामसभा से जुड़े सवालों का जवाब नहीं दे पाए, तो अडानी कंपनी से जुड़े कथित कर्मचारियों ने पत्रकारों से अभद्रता की, मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है।
प्रेस क्लब का रोष और पुलिस की चुप्पी
प्रेस क्लब रायगढ़ ने 8 अगस्त को पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपते हुए आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की थी। लेकिन 15 दिन बीत जाने के बावजूद अब तक किसी भी आरोपी पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई। पत्रकारों का कहना है कि पुलिस की यह चुप्पी संदिग्ध है और इससे प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं।
फर्जी ग्रामसभा का आरोप, 12 गांवों की बैठक
इसी बीच मुड़ागांव में 12 गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों ने बैठक कर अडानी कंपनी पर महाजेनको कोल ब्लॉक हेतु फर्जी ग्रामसभा कराने का आरोप लगाया। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी असहमति को दबाने के लिए बाहरी लोगों को “ग्रामीण” दिखाकर खदान का समर्थन जुटाने की कोशिश की गई।
प्रेस क्लब और ग्रामीणों की मांगें
पत्रकारों व ग्रामीणों ने प्रशासन से तीन प्रमुख मांगें रखी हैं:
1. पत्रकारों पर हमला करने वाले आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी।
2. फर्जी ग्रामसभा प्रकरण की निष्पक्ष उच्चस्तरीय जांच।
3. पत्रकारों और ग्रामीणों की सुरक्षा की गारंटी।
आंदोलन की चेतावनी
प्रेस क्लब रायगढ़ और स्थानीय ग्रामीण संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि सात दिनों के भीतर कठोर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि आंदोलन की पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।