श्रध्दा को हो गया था खतरे का अहसास, फिर भी अफताब पर करती थी भरोसा..…
श्रद्धा वाकर के एक करीबी मित्र का कहना है कि उसकी हत्या के पीछे बड़ी साजिश हो सकती है। वहीं, एक अन्य दोस्त ने दावा किया कि उसने एक बार संदेह जताया था कि आफताब पूनावाला श्रद्धा की हत्या कर सकता है, श्रद्धा को आफताब से जान का खतरा था।
श्रद्धा के दोस्त ने दावा किया कि जब श्रद्धा मुंबई के पास वसई शहर में रह रही थी, तब एक बार उसने मुझे मैसेज किया और उसे ले जाने को कहा था। उसने कहा था कि अगर वह वहां रही तो उसे आफताब मार डालेगा। उसने कहा कि इसके बाद कुछ दोस्तों ने आफताब के पास जाकर उसे चेताया था। तब हम आफताब के खिलाफ पुलिस से संपर्क करने जा रहे थे, लेकिन श्रद्धा ने हमें उस वक्त रोक दिया।
उसकी और श्रद्धा की बातचीत जुलाई में श्रद्धा के ही मोबाइल पर टेक्स्ट मैसेज के जरिये हुई थी। इसके बाद वह श्रद्धा से संपर्क नहीं कर पाया और उसे उसके बारे में चिंता होने लगी थी। तब उसने श्रद्धा के परिवार वालों को सतर्क किया था। तब उसने अन्य दोस्तों से श्रद्धा के बारे में पूछा, लेकिन कोई जानकारी न मिलने पर उसने श्रद्धा के भाई से कहा कि अब पुलिस से संपर्क करना चाहिए। एक अन्य करीबी मित्र ने कहा कि पुलिस को आफताब और उसकी पृष्ठभूमि के बारे में पता लगाना चाहिए क्योंकि हो सकता है कि यह हत्या एक बड़ी साजिश हो।
पत्रकार बनना चाहती थी
दोस्त ने कहा कि श्रद्धा मास मीडिया में स्नातक करने के बाद पत्रकार बनना चाहती थी। वह रंगमंच भी करती थी। वह बहुत सक्रिय थी और उसका आकर्षक व्यक्तित्व था। उन लोगों ने 2018 में श्रद्धा में बदलाव महसूस किया। वह दुखी रहने लगी थी। मेरे विचार से यह वही समय था, जब आफताब उसके जीवन में आया। उन्हें 2019 में पूनावाला और श्रद्धा के संबंधों का पता चला और तब उन्हें आफताब सामान्य आदमी लगा था।
दोस्तों से पूछताछ के बाद जुड़ेंगी कड़ियां
श्रद्धा के दोस्त लक्ष्मण और सचिन ने इनके तल्ख रिश्तों के बारे में बताया। वहीं हिमाचल प्रदेश में घूमने के दौरान श्रद्धा और आफताब की छतरपुर निवासी बद्री से मुलाकात हुई थी। आफताब ने बताया कि वह बद्री के कहने पर छतरपुर में रहने के लिए आया था। पुलिस घटना की कड़ियां जोड़ने के लिए सभी दोस्तों के बयान दर्ज कर रही है।