सहायक शिक्षकों की सरकार से वार्ता विफल, जारी रहेगा आंदोलन

रायपुर: वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर 11 दिसंबर से धरना प्रदर्शन कर रहे सहायक शिक्षकों को शुक्रवार को स्कूल शिक्षा सचिव आलोक शुक्ला ने वार्ता के लिए बुलाया, लेकिन सहायक शिक्षकों की यह वार्ता बेनतीजा रही। अब सहायक शिक्षकों ने मांगें नहीं माने जाने तक आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया है। उल्लेखनीय है, सहायक शिक्षक वेतन विसंगति दूर करने सरकार से पिछले तीन वर्षों से गुहार लगा रहे हैं। सहायक शिक्षकों ने कहा कि सरकार उनकी मांगों की लगातार अनदेखी कर रही है। जिसकी वजह से उन्हें आंदोलन करने पर विवश होना पड़ा। सहायक शिक्षा फेडरेशन संघ के अध्यक्ष मनीष मिश्रा के मुताबिक चुनाव के दौरान कांग्रेस ने सरकार बनने पर तीन महीने के भीतर मांगें माने जाने तथा वेतन विसंगति दूर करने का आश्वासन दिया था। तीन साल बीत जाने के बावजूद सरकार उनकी मांगों की अनदेखी कर वादाखिलाफी कर रही है।

इस वजह से हुई वार्ता विफल स्कूल शिक्षा सचिव आलोक शुक्ला ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर सहायक शिक्षक संघ के प्रतिनिधि मंडल को वार्ता के लिए बुलाया था। स्कूल शिक्षा सचिव ने आंदोलनकारी सहायक शिक्षकों को आश्वासन देते हुए कहा कि मंगलवार को बैठक आयोजित की गई है। बैठक में कमेटी की रिपोर्ट पेश की जाएगी। उसके बाद उनकी मांगें मान ली जाएंगी। इस बात से नाराज होकर सहायक शिक्षकों ने स्कूल शिक्षा सचिव से तत्काल मांगें माने जाने की मांग करते हुए आंदोलन जारी रखने की बात कही। क्या गारंटी, मान ली जाएंगी मांगें सहायक शिक्षक फेडरेशन संघ के अध्यक्ष मनीष मिश्रा के मुताबिक स्कूल शिक्षा सचिव ने 17 दिसंबर तक उनकी मांगें माने जाने का आश्वासन दिया था। घोषित तिथि बीत जाने के बाद भी उनकी मांगें नहीं मानी गई। ऐसे में क्या गारंटी है, उनकी मांगें मंगलवार की बैठक में मान ली जाएंगी। इसके अलावा संघ के नेताओं ने पिछले तीन वर्षों से मांगें नहीं माने जाने का हवाला देते हुए आर-पार की लड़ाई लड़ने की बात कही है।

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