
भूपेंद्र गोस्वामी आपकी आवाज गरियाबंद
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सख्त निर्देश के बाद भी गरियाबंद जिले में अवैध रेत खनन जोरों पर है। बता दें कि विकासखंड फिंगेश्वर अंतर्गत आने वाले छोटी नदियों में धड़ल्ले से बिना डरे अवैध रेत का उत्खनन कर रहे हैं रेत माफिया खुली आजादी से रेत निकाल रहे हैं कि मानो वहां उनकी ही संपत्ति है बिना डरे रात और दिन सुबह शाम लोडिंग कर रेत को बेच रहे हैं जिससे शासन को बड़ा चुना लग रहा है।
इन रेत माफियाओं के ऊपर विभाग में कोई कार्यवाही नहीं करता है जिससे ऐसा प्रतीत होता है की आला अधिकारियों का भी इन्हें संरक्षण प्राप्त है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सर्वाधिक रेत का उत्खनन सहसपुर और कसेरुडीह को जोड़ने वाली सरगी नदी से किया जा रहा है, जहां रेत माफ़िया रोजाना ट्रैक्टर के जरिए नदी का सीना चीर कर रेत उत्खनन में लगे हुए है।
रेत माफिया अपनी गाड़ी अलग-अलग जगहों पर लगा रहे हैं ताकि उन तक पहुंच ना सके रेत माफियाओं ने रात को तकरीबन आठ बजे गाड़ी लगा कर रात भर अवैध रेत की चोरी कर रहे हैं और सुबह चार बजे से आठ बजे के बीच धड़ल्ले से रेत का उठाव कर बेच रहे हैं। नदियों में अवैध रूप से चल रहे रेत उत्खनन कार्य से जहां शासन को लाखों रुपए के रॉयल्टी का नुकसान हो रहा है।
वहीं दूसरी ओर पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है. इसके साथ ही नदियों के अस्तित्व पर संकट भी गहराता जा रहा है. कई जगह नदियों में रेत की खदान इतने ज्यादा बढ़ गए है कि वहां जनजीवन पर भी इसका असर दिखने लगा है स्थानीय व जिला प्रशासन के आला अधिकारी मौन हैं। अधिकारियों द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण अवैध रेत उत्खननकर्ताओं के हौसले बुलंद हो गये है।