सीएम बघेल ने मोदी सरकार पर साधा निशाना: बोले -पांच राज्यों के चुनाव में हारे तो, पेट्रोल-डीजल की कीमत UPA जितनी होगी

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मोदी सरकार पर शुक्रवार को जमकर हमला बोला, कहा कि हाल ही में हुए उपचुनाव में हुई हार के कारण मोदी सरकार को पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम करनी पड़ी है। सीएम ने कहा कि यदि यूपी समेत पांच राज्यों में होने वाले चुनाव में भाजपा की हार हो गई तो पेट्रोल-डीजल की कीमत यूपीए सरकार के समय जितनी हो जाएगी। सीएम भूपेश ने राजधानी रायपुर में इंदिरा गांधी की जयंती पर आयोजित पंचायती राज सम्मेलन में यह बातें कहीं। सीएम ने कहा कि इंदिरा गांधी के प्रयासों का नतीजा है कि अनाज के मामले में देश आत्मनिर्भर है। आम जनता के लिए बैंक सिर्फ इंदिरा गांधी के कारण खुला है। उन्होंने कहा कि केन्द्र में भाजपा की सरकार है, राज्य में कांग्रेस की सरकार है। लेकिन उनकी हर योजना में छत्तीसगढ़ के हर विभाग अपना नाम कर रहे है। उन्होंने कहा कि पंचायत विभाग को 12 पुरस्कार, वनविभाग को 11 श्रेणियों ने पुरस्कार मिले हैं।

वहीं नगरीय प्रशासन विभाग को स्वच्छता के मामले में बेहतर प्रदर्शन के लिए 67 पुरस्कार मिलने वाले हैं। सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार जनता को लाभ पहुंचाने का काम कर रही है। किसानों से हम 25 सौ में धान खरीद रहे हैं। वहीं 9 हजार आने वाले सालों में भी देंगे। यदि केन्द्र 100 रुपए समर्थन मूल्य बढ़ा देता है तो अगले साल 2640 और चुनाव के समय यदि केन्द्र 200 रुपए बढ़ाता है तो फिर हम धान का 2800 रुपए देंगे। इस सम्मेलन में चंदन यादव, सप्तगिरीउलका, रविन्द्र चौबे, ताम्रध्वज साहू, प्रेमसाय सिंह टेकाम, मोहम्मद अकबर, कवासी लखमा, शिव डहरिया, जयसिंह अग्रवाल, अनिला भेड़िया, ज्योत्सना महंत समेत अनेक नेता मौजूद रहे। बेहतर काम से लगातार चुनाव जीते

पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने कहा कि भूपेश सरकार के बेहतर कार्ययोजना के दम पर हम लगातार नगरीय निकाय के साथ ही हमने जिला, जनपद औैर ग्राम पंचायतों में बेहतर प्रदर्शन किया है। 27 में 20 जिला पंचायत, 146 जनपद में से 11 तथा 80 फीसदी पंचायतों में कांग्रेस का कब्जा है। इसके साथ ही हमने तीनों उपचुनाव भी जीते हैं। पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने भाषण के दौरान कई मांगे सीएम के सामने रखीं। वहीं उन्होंने कहा कि चुनाव आते तक राज्य सरकार 2800 रुपए में धान खरीदेगी औैर चुनाव के पहले यदि सरकार 3000 रुपए में भी धान खरीदे तो ताज्जुब नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना के समय पंचायतों ने जितनी राशि का उपयोग किया उसे पंचायतों को वापस किया जाए। वहीं पंचायत के प्रतिनिधियों का प्रशासनिक के साथ वित्तीय अधिकार भी बढ़ाया जाए। जिला व जनपद पंचायत के अध्यक्षों को चेक में दस्तखत करने का पावर दिया जाए। अफसरों के सीआर लिखने का अधिकार दिया जाए क्योंकि इसके बिना अधिकारी जनप्रतिनिधियों को तवज्जो नहीं देते। पंचों को प्रति बैठक 200 रुपए मिलता जिसे बढ़ाने की जरूरत है। वहीं उन्होंने पेसा कानून को बजट सत्र के पहले लागू करने का आग्रह भी सीएम से किया।

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