गेरवानी क्षेत्र के लिए समस्या में इजाफा रुपाना धाम स्टील प्लांट की जनसुवाई 6 जुलाई को

रायगढ़। जिले में अचानक कुछ समय है प्लांटों को विस्तार को लेकर होड़ मची हुई है वही आपको बता दें कि जिस तरह से रायगढ़ के हवाओं में प्रदूषण की क्षमता बढ़ी है और आए दिन नई नई बीमारियों से लोगों का सामना करना पड़ रहा है जिस तरह से प्लांट का विस्तार आए दिन हो रहा है लेकिन जिला प्रशासन हो या समाजसेवी या फिर कोई अन्य किसी को गेरवानी के लोगों के स्वास्थ्य की चिंता नहीं है अब रूपाना धाम स्टील प्लांट भी अपना विस्तार कर रहा जिसकी जनसुनवाई 6 जुलाई को किया जाना है अगर प्लांट की जनसुनवाई सफलतापूर्वक हो जाती है तो उन बेचारे गेरवानी क्षेत्र के लोगों के लिए एक बहुत बड़ी मुसीबत हो जाएगी और कम से कम आधा दर्जन से गांव तबाह हो जाएंगे आखिर गेरवानी क्षेत्र के लोगो की क्या गलती है है जो आए दिन प्रदूषण की मार झेल रहे हैं इसके अलावा नई नई मुसीबतों से घिरे रहते हैं

आपको बता दें कि औद्योगिक जिला रायगढ़ में पिछले कुछ समय से उद्योगों के विस्तार का सिलसिला चल रहा है । इसी क्रम में रुपानाधाम स्टील प्लांट का भी बृहद रूप में विस्तार किया जाना है जिसके लिए प्रशासन द्वारा जनसुनवाई 6 जुलाई को रखी गई है। रुपानाधाम के विस्तार से गेरवानी समेत आधे दर्जन गांव में लोगों के लिए रहना दुश्वार हो जाएगा। पहले से भयंकर प्रदूषण की मार झेल रहे इन गांवों में अब रुपानाधाम स्टील भी अपने वृहद आकार में स्थापित होने जा रहा है, जिससे न सिर्फ हवा प्रदूषित होगा बल्कि जलवायु परिवर्तन भी संभव दिख रही है।
प्रदेश का सबसे प्रदूषित क्षेत्र गेरवानी इन दिनों भयंकर औद्योगिक आतंक की मार झेल रहा है अब यहां और किसी प्लांट के विस्तार के लिए जगह नहीं देनी चाहिए लेकिन उद्योगपति अपने रसूख के दम पर सरकार और प्रशासन को भी अपने झांसे में लेने कामयाब हो जाते हैं । गेरवानी और उसके आसपास के आधे दर्जन गांव वर्तमान में बदतर स्थिति में है। ऐसे रूपाना धाम का विस्तार इस एरिया को तबाह कर देगा। न यहां सड़क है और न ही पीने का साफ पानी, हवा में उद्योगों की कालिख है। लोग तरह तरह की बीमारियों से ग्रसित हैं। भारी प्रदूषण के कारण बच्चे खुली हवा में खेल भी नहीं पा रहे है। वावजूद इसके इस प्रदूषित क्षेत्र में रुपाणा धाम स्टील की विस्तार के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं 6 जुलाई को इसके लिए तराईमाल में बंजारी मंदिर के पास जनसुनवाई का आयोजन किया गया है।
बताया जा रहा है कि रुपाणा धाम का विस्तार स्पंज आयरन 120000 टन प्रतिवर्ष से बढ़कर 648000 टन प्रतिवर्ष होगा ।हॉट ब्रेड्स 130500 टन प्रति वर्ष से बढ़कर 453000 टन प्रतिवर्ष होगा। रोलिंग मिल 94800 टन प्रति वर्ष से बढ़कर 530400 टन प्रतिवर्ष हो जाएगा। प्लांट का विद्युत संयंत्र 8 मेगावाट से बढ़कर 44 मेगावॉट होगा। 600000 टीपीए की नई कोल वाशरी बनेगी। यानी अपनी वर्तमान क्षमता से रुपाणा धाम स्टील चार गुना क्षमता का बड़ा प्लांट विस्तार करने जा रहा है। इससे ही समझ आता है कि यह प्लांट किस तरह जल, वायु और ध्वनि प्रदूषण को बढ़ावा देगा। और जल, जंगल और जमीन को सुरक्षित रखने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ेगी?

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