बेमेतरा जिले में सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाना अब पड़ेगा भारी, अब हर पोस्ट सरकार और अफसरों की नजर में रहेगी

छत्तीसगढ़: प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है, जब सोशल मीडिया की निगरानी के लिए प्रशासनिक स्तर पर टीम का गठन किया गया हो। इस टीम में एडिशनल कलेक्टर, पुलिस अफसर से लेकर आईटी एक्सपर्ट तक शामिल हैं। दरअसल, पिछले महीने हुई कलेक्टर्स मीट में सीएम भूपेश बघेल ने कहा था- दंगे रोकना सिर्फ पुलिस का काम नहीं है। प्रशासन को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। 6 सदस्यीय टीम, कलेक्टर को सौंपेगी रिपोर्ट सीएम के निर्देश को गंभीरता से लेते हुए बेमेतरा के कलेक्टर विलास संदीपान भोस्कर ने सोशल मीडिया और विभिन्न संचार माध्यमों की निगरानी के लिए टीम गठित की है। 6 सदस्यीय इस टीम को ‘डिस्ट्रिक्ट सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टीम’ का नाम दिया गया है। इसमें एडिशनल कलेक्टर, एडिशनल एसपी, एसडीएम, जिला सूचना अधिकारी और चिप्स के ई प्रबंधक शामिल हैं। यह टीम नियमित रूप से बैठक कर कलेक्टर को रिपोर्ट सौंपेंगी। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा।

टीम ने काम शुरू किया, आगे के लिए प्लानिंग की जा रही कलेक्टर विलास संदीपान भोस्कर ने बताया कि टीम में प्रशासनिक और पुलिस अफसरों के साथ ही IT एक्सपर्ट भी शामिल किए गए हैं। इसके अलावा NIC से भी मदद ली जा रही है। टीम किस तरह से काम करेगी इसको लेकर प्लानिंग शुरू हो गई है। इसका मकसद सोशल मीडिया पर एंटी सोशल, एंटी रिलीजस, एंटी नेशन पोस्ट को रोकना और कार्रवाई करना है। जिससे की किसी भी तरह का उन्माद न फैलने पाए। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 21 अक्टूबर को कानून व्यवस्था पर कलेक्टर कॉन्फ्रेंस की थी। करीब 9 घंटे चली इस बैठक के दौरान CM ने कानून व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ने की घटनाएं प्रायोजित बताई थी। कहा था, कुछ लोग कानून इसमें लगे हैं, ऐसे लोगों को चिन्हित करने की जरूरत है। सोशल मीडिया का प्लेटफार्म काफी प्रभावी हो गया है। कुछ लोग इसका दुरूपयोग कर रहे हैं। सही जानकारी लोगों के सामने लाना जरूरी है। सोशल मीडिया पर निगरानी जरूरी है।

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