छपरा। बिहार के सारण जिले के मशरक, इसुआपुर, मढ़ौरा एवं अमनौर प्रखंड में 24 घंटे के अंदर शराब पीने से 31 लोगों की मौत हो गई। मौत के बाद सदर अस्पताल से लेकर गांव तक चीख पुकार के बाद हाहाकार मच गया। महिलाओं के रुदन क्रंदन से गांव में गमगीन माहौल हो गया है। महिलाएं अपने पति एवं पुत्र के शव से लिपट कर चित्कार कर रही है। इस हृदय विदारक घटना को देखकर लोगों की आंखों से भी आंसू छलक जा रहे हैं। छपरा सदर अस्पताल में एक-एक कर शवों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। सदर अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए परिजनों की भीड़ देर शाम तक पोस्टमार्टम हाउस के बाहर जुटे थी। वहां मौजूद परिजन शराब पीने से मौत होने की बात बता रहे थे।
सोमवार की शाम लोगों ने पी जहरीली शराब
सदर अस्पताल में उपचार कराने आएं बीमारों के परिजनों ने बताया कि इन लोगों ने सोमवार की शाम जहरीली शराब पी थी। मंगलवार की सुबह से इन लोगों की तबीयत खराब होनी शुरू हुई। शराब पीने वाले सभी लोगों को पहले उल्टी-दस्त हुई। इसके बाद लोगों ने स्थानीय स्तर पर उपचार शुरू कराया।
आंखों की रोशनी जाने पर सदर अस्पताल पहुंचे लोग
शराब पीने वाले लोगों की जब आंख की रोशनी जाने लगी, तो वे उपचार के लिए छपरा सदर अस्पताल पहुंचे। मंगलवार की शाम करीब 7:30 बजे अस्पताल पहुंचे। उसके बाद इन लोगों की मौत होने लगी। पांच लोगों की मंगलवार देर रात मौत हुई थी। इसके बाद देखते ही देखते 23 ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
मशरक व इसुआपुर में कहां से पहुंची थी देसी शराब की खेप
मशरक और इसुआपुर में जहरीली देसी शराब की बड़ी खेप कहां से पहुंचे थे। इसकी चर्चा गांव में पूरे दिन होती रही। ग्रामीणों का कहना था कि डोयला में खुलेआम देसी शराब बेची जाती है। तीन प्रखंडों में करीब 70 से अधिक लोगों के शराब पीने से बीमार होने की सूचना मिल रही है। इसमें 30से ज्यादा लोग अलग-अलग जय हो प्रचार करा रहे हैं। बताया जा रहा है कि सभी ने 20-20 रुपए में देसी शराब के पाउच खरीदकर पीए थे।
पुलिस छावनी में तब्दील हुआ अस्पताल परिसर
जहरीली शराब पीकर उपचार कराने कराने आए लोगों की मौत के बाद प्रशासन ने एहतियात के तौर पर छपरा सदर अस्पताल को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया। देर रात तक पुलिसकर्मी और प्रशासनिक पदाधिकारी भाग-दौड़ करते देखे गए। हालांकि, जहरीली शराब के सेवन पर कुछ भी बोलने से कतराते रहे हैं।