पराक्रम दिवस के रूप में मनाई जाएगी सुभाष चंद्र बोस की जयंती, संस्कृति मंत्रालय ने की घोषणा

नई दिल्लीः भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख चेहरों में से एक सुभाष चंद्र बोस की जयंती इस बार पराक्रम दिवस के रूप में मनाई जाएगी. इस बात की जानकारी संस्कृति मंत्रालय की ओर से दी गई है. इससे पहले नेता जी के 125 वीं जयंति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि नेता जी सुभाष चंद्र बोस की वीरता सर्वविदित है. नेताजी जैसे स्कॉलर, सोल्जर और स्टेट्समैन की 125वीं जयंती से जुड़े कार्यक्रमों की घोषणा हम जल्द करेंगे.

स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाने के लिए केंद्र सरकार ने गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है.

वहीं संस्कृति मंत्रालय ने भी एक आधिकारिक विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि यह समिति अगले साल 23 जनवरी से एक वर्ष तक 125वीं जयंती के वर्ष में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों व समारोहों की रूपरेखा तय करेगी.

पीएम की अध्यक्षता में कमीटि का गठन

सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है.
इस कमेटी में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा राजनाथ सिंह, अमित शाह, ममता बनर्जी, जगदीप धनकड़, मिथुन चक्रवर्ती, काजोल और एआर रहमान सहित 84 लोग सदस्य के तौर पर शामिल किए गए हैं.

नेताजी की 125 वीं जयंती बनाने के उपलक्ष्य में गठित की गई इस कमेटी में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और टीएमसी से बीजेपी में आए शुभेंदु अधिकारी को भी शामिल किया गया है.

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