सूर्य के चारों ओर बिखरे प्रकार…. सूर्य वलय- सूर्य देव ने ‘22 डिग्री सर्कुलर हलो’ के रूप में दिए दर्शन, क्या कहते हैं जानकार पढ़िए पूरी खबर

सोमवार को सुबह करीब 10 बजे सूर्य के चारों तरफ घेरा जैसा नजारा दिखा। इसे सूर्य का वलय बताया जा रहा है। जानकारों ने बताया कि आसमान में जब बादल डेरा बनाते हैं और ये अगर अंतरिक्ष की ऊपरी परत पर चले जाते हैं तो सूर्य की रोशनी इससे टकराकर लौटती है। इस रिफ्लेक्शन से सूर्य के चारों तरफ वलय का आभास होता है। अगर इस प्रकार की स्थिति सुबह या शाम में बने तो हमें इंद्रधनुष नजर आता है। सुबह के समय में आसमान की ऊपरी परत में बादल जमने पर पूर्व की दिशा में और शाम के समय में पश्चिम की दिशा में इंद्रधनुष बनता दिखता है। सूर्य के चारों तरफ वलय की स्थिति सुबह 10 बजे के बाद और शाम में तीन बजे तक तेज धूप रहने की स्थिति में दिखती है।

ऐसा तब होता है जब सूर्य की किरणें अपवर्तित होती हैं

सोमवार को 10:00 से 10:30 बजे के बीच यह घटना दिखी। सूर्य के चारों ओर लाल और नीला वलय दिखा। खगोल विज्ञान में इसे ‘22 डिग्री सर्कुलर हलो’ कहते हैं। ऐसा तब होता है जब सूर्य या चंद्रमा की किरणें बादलों में मौजूद षट्कोणीय बर्फ क्रिस्टलों से अपवर्तित हो जाती हैं। इस घटना को सूर्य या कुछ मौकों पर चंद्रमा का ‘22 डिग्री सर्कुलर हलो’ कहा जाता है। बताया जाता है इस तरह के बादल तब बनते हैं, जब पृथ्वी की सतह से 5 से 10 किमी उंचाई पर जलवाष्प बर्फ के क्रिस्टलों में जम जाती है।

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