
आरोपियों की पेशी:-
आशीष तिवारी आप की आवाज रायपुर (छ.ग.)
रायपुर। ED मामले पर आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया को पेश किया गया,लेकिन पत्रकारो को इस मुद्दे पर कवरेज ना करने के लिए पत्रकार को नजरबंद करके रखा गया।
आखिर एक पत्रकार को इस तरह नजरबंद क्यों किया जा रहा है और किसके कहने पर इस पूरे मामले पर कवरेज ना करने से रोका जा रहा है। यह एक अहम सवाल है।
पूर्व में भी ऐसी घटना पत्रकारों के साथ हुई है जब पिछली बार भी ED मामले पर सौम्या चौरसिया कि कोर्ट में पेशी के दौरान पत्रकार को कवरेज करने से रोका गया और नजरबंद करके रखा गया था।
आखिर इतने बड़े भ्रष्टाचार के मामले पर एक आरोपी को इतनी कड़ी सुरक्षा और पत्रकारों को कवरेज करने से रोकने के पीछे क्या कारण हो सकता है।
छत्तीसगढ़ में ED की चल रही छापेमारी और मनी लांड्रिंग, भ्रष्टाचार में लिप्त अभियुक्तों को अदालत में पेश किया गया, जहां मुख्यमंत्री की उप सचिव सौम्या चौरासिया की रिमांड अवधि 4 दिनों के लिए बढ़ा दी गई है।इन्हे स्पेशल जज अजय सिंह राजपूत की अदालत में पेश किया गया।
ED के कर्मचारी कुछ सबूत भी लेकर कोर्ट पहुंचे जिसमे 150 करोड़ का लेखा जोखा है।बहरहाल सूर्यकांत तिवारी, आईएएस समीर विश्नोई, लक्ष्मीकांत तिवारी और सुनील अग्रवाल के खिलाफ चालान पेश कर दिया गया है।लेकिन सौम्या चौरसिया के लिए अलग से चालान पेश किया जाएगा। वहीं अब वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सभी आरोपियों की पेशी करने का निर्देश जारी कर दिया है।
ED के शिकायत पत्र के अनुसार न्यायालय में पेश करने हेतु 14 जनवरी 2023 को सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
फिलहाल समीर बिश्नोई, कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी और सुनील अग्रवाल को 13 जनवरी तक न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा दिया गया है,और सौम्या चौरसिया कि रिमांड अवधि 4 दिनो के लिए बढ़ा दी गई है।

