हरियाली वाड़ी परियोजना से खिले किसानों के चेहरे खेतों में लहलहाए फसल, होठों पर मुस्कान

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हरियाली वाड़ी परियोजना से खिले किसानों के चेहरे
खेतों में लहलहाए फसल, होठों पर मुस्कान
• रायगढ़ जिले में हिंडाल्को की नायाब कोशिश
• सस्टेनबल माइनिंग के तहत हिंडाल्को की पहल
• तमनार प्रखंड के 11 गांव के 1500 किसानों को मिल रहा लाभ
रायगढ़ :-क्या है हरियाली वाड़ी प्रोजेक्ट:-
सस्टेनबल माइनिंग के उद्देश्य से हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने नाबार्ड के साथ मिलकर गारेपालमा कोल परियोजना क्षेत्र के तहत तमनार प्रखंड के 11 गांवों में किसानों की आय वृद्धि करने के उद्देश्य से इस परियोजना की शुरुआत अगस्त 2022 में की। कुल 6 वर्षों के लिए शुरू हुई इस परियोजना के माध्यम से आदिवासी किसानों को लाभ देने के लिए मुख्य रूप से इस परियोजना की शुरूआत की गई है। इसके तहत किसानों की जमीन को पूरे वर्ष खेती के लिए तैयार किया जाता है। किसानों को उन्नत किस्म के बीज, सिंचाई के साधन के साथ फसल की देखरेख का प्रशिक्षण दिया जाता है।
रायगढ़। नूनदरहा गांव के जलाल राठिया अपने खेत में उपजे करैले को बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं। गारे गांव के हीरालाल अपने 6 एकड़ की ज़मीन में लहलहाते मुंगफली की फसल को देखकर बेहद खुश हैं। उन्हें इस बात की तसल्ली है कि पहले एक फसल के बाद बंजर पड़ने वाली उनकी ज़मीन अब सालों भर तीनों फसल उगाया करेगी और उनकी आय में बढ़ोत्तरी होगी। पांच एकड़ जमीन के मालिक उरबा गांव के दुष्यंत भी बैंगन की फसल को बेचकर सुकून महसूस कर रहे हैं। दरअसल जलाल, हीरालाल और दुष्यंत रायगढ़ जिले के तमनार प्रखंड के उन 1500 किसानों में शुमार हैं जिनके चेहरों पर हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने खुशियां बिखेरी हैं। यह सब उन 11 गांव का हिस्सा हैं जिन्हें नाबार्ड और हिंडाल्को की साझा मुहिम हरियाली वाड़ी परियोजना का लाभ मिल रहा है।
आदित्य बिड़ला समूह की मेटेल फ्लैगशिप कंपनी हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने अपनी गारे पालमा कोल परियोजना के तहत आने वाले 11 गावों के किसानों की आय में वृद्धि के साथ- साथ उन्हें सालों भर गुणवत्तापूर्ण खेती कराने के उद्देश्य से नाबार्ड के साथ मिलकर इस योजना की शुरुआत की है। इस योजना की शुरुआत अगस्त 2022 में हुई थी। इसके सकारात्मक परिणाम महज 7 महीने के भीतर ही देखने को मिल रहे हैं। किसान अपनी जमीन पर इस योजना के तहत साल की तीन फसलें लगा सकते हैं। वहीं पहले एक फसल के बाद उनकी जमीन बंजर पड़ी रहती थी। साथ ही उन्हें सिंचाई के लिए बोरिंग, किफायदी दर पर बीज, खेती के लिए प्रशिक्षण और कृषि विज्ञान केंद्र से भी जोड़ा जा रहा है ताकि उन्हें खेती विभिन्न आयामों की जानकारी मिल सके। इस योजना की खास बात यह है कि जनमित्र कल्याण समिति के द्वारा किसानों को खेती तमाम बारीकियों को समझाया जा रहा है ताकि किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके। इस बारे में बात करते हुए हिंडाल्को कोल वर्टिकल के हेड विवेक मिश्र ने बताया कि कंपनी अपने प्रोजेक्ट क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले समुदाय के सर्वांगीण विकास के लिए सतत प्रयत्नशील है। इसी क्रम में किसानों के हित का ध्यान रखते हुए इस परियोजना की शुरुआत की गई है। फिलहाल हम 11 गांवों के किसानों को इस योजना से जोड़ चुके हैं। कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों को इसका लाभ मिल सके ताकि उनकी आर्थिक स्थिति और बेहतर हो सके।

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