
हाथी पर सवार होकर आएगी मां दुर्गा देश का आर्थिक पक्ष होगा मजबूत, हो सकती है भारी बरसात
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*नवरात्र: हाथी पर सवार होकर आएगी मां दुर्गा देश का आर्थिक पक्ष होगा मजबूत, हो सकती है भारी बरसात*
*इस बार पूरे 9 दिन होंगे नवरात्र, हाथी पर ही लौटेगी मां दुर्गा
बेमेतरा=शारदीय नवरात्र में *इस बार मां हाथी पर सवार होकर आएगी*। मां का वाहन हाथी ज्ञान व समृद्धि का प्रतीक है जिसकी वजह से देश के व लोगों के *सुखों व ज्ञान की वृद्धि होगी व आर्थिक समृद्धि बढ़ेगी*। मां का *प्रस्थान हाथी* पर हो रहा है यह *समृद्धि* का सूचक है। जिससे देश में वर्षा अधिक होगी। 25 सितंबर को महालय अमावस्या पर पित्र पक्ष के समापन के बाद शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ 26 सितंबर को होगा और 5 अक्टूबर तक चलेगी। प्रतिपदा तिथि 26 सितंबर की तड़के सुबह 03:24 बजे से 27 सितंबर की सुबह 03:08 बजे तक रहेगी। इस बीच घटस्थापना मुहूर्त 26 सितंबर की सुबह 06:20 बजे से 10:19 बजे तक रहेगा। वहीं अभिजीत मुहूर्त 26 सितंबर की सुबह 11:54 बजे से दोपहर 12:42 बजे तक रहेगा। चौघड़िया मूहर्त अमृत प्रातः 6,18 से 7,48 शुभ 9,18 से 10,48 चर,लाभ,अमृत,चर दोपहर 1,48 से शाम 7,48 तक
*माता के वाहनों से लगता है हालात का अनुमान*
*माता दुर्गा जिस वाहन से पृथ्वी पर आती हैं, उसके अनुसार सालभर होने वाली घटनाओं का भी अनुमान किया जाता है।*
इनमें *कुछ वाहन शुभ फल* देने वाले और *कुछ अशुभ फल* देने वाले होते हैं।
देवी जब *हाथी पर सवार* होकर आती हैं तो *पानी* ज्यादा बरसता है।
*घोड़े* पर आती हैं तो *युद्ध की आशंका* बढ़ जाती है।
देवी *नौका* पर आती हैं तो सभी की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और
*डोली* पर आती हैं तो *महामारी* का भय बना रहता हैं। इसका भी वर्णन देवी भागवत में किया गया है।
*गजे च जलदा देवी क्षत्र भंग स्तुरंगमे।*
*नोकायां सर्वसिद्धि स्या ढोलायां मरणंधुवम्।।
*ऐसे तय तय होता है माता का वाहन*
देवी का आगमन किस वाहन पर हो रहा है, यह दिनों के आधार पर तय होता है।
*सोमवार या रविवार* को घट स्थापना होने पर मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं।
*शनिवार या मंगलवार* को नवरात्रि की शुरुआत होने पर देवी का वाहन घोड़ा माना जाता है।
*गुरुवार या शुक्रवार* को नवरात्र शुरू होने पर देवी डोली में बैठकर आती हैं।
*बुधवार* से नवरात्र शुरू होने पर मां दुर्गा नाव पर सवार होकर आती हैं।
इन तथ्यों को देवी भागवत के इस श्लोक में वर्णन किया गया है।
*शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे।*
*गुरौ शुक्रे चदोलायां बुधे नौका प्रकीर्त्तिता ।।*
*शारदीय नवरात्रि 2022 कैलेंडर*
*26 सितंबर 2022, पहला दिन -* प्रतिपदा, घटस्थापना, मां शैलपुत्री पूजा
*27 सितंबर 2022, दूसरा दिन-* मां ब्रह्मचारिणी पूजा
*28 सितंबर 2022, तीसरा दिन-* मां चंद्रघंटा पूजा
*29 सितंबर, चौथा दिन -* मां कुष्मांडा पूजा, विनायक चतुर्थी, उपांग ललिता व्रत
*30 सितंबर, पांचवां दिन -* पंचमी, मां स्कंदमाता पूजा
*1 अक्टूबर, छठा दिन -* षष्ठी, माता कात्यायनी पूजा
*2 अक्टूबर 2022, सातवां दिन -* सप्तमी, मां कालरात्रि पूजा
*3 अक्टूबर 2022, आठवां दिन* – दुर्गा अष्टमी, महागौरी पूजा, महानवमी
*4 अक्टूबर 2022, नौवां दिन -* महा
नवमी, शारदीय नवरात्रि का पारण
*5 अक्टूबर, दसवां दिन* – दशमी, दुर्गा विसर्जन और विजयादशमी (दशहरा)
