एक दिन में 3285 छात्रों को स्थाई जाति प्रमाणपत्र वितरण कर पखांजुर तहसील ने रचा नया कीर्तिमान…


पखांजूर से बिप्लब कुण्डू–3.6.22
एक दिन में 3285 छात्रों को स्थाई जाति प्रमाणपत्र वितरण कर पखांजुर तहसील ने रचा नया कीर्तिमान…
पखांजूर।
पखांजूर तहसील में एक ही दिन में 3285 छात्रों को उनका स्थाई जाति प्रमाणपत्र का वितरण किया गया। इसके लिए प्रशासन द्वारा विशेष अभियान चलाया गया और एक ही दिन में यह स्थाई जाति प्रमाण पत्रों को वितरण छात्रों के घर घर जा कर दिया गया। जिले भर में शासन की योजना के तहत प्राथमिक शालाओं के अनुसूचित जाति जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को उनका स्थाई जाति प्रमाण पत्र स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही देने की योजना के तहत इन प्रमाण पत्रों को बनाया गया है। जिसमें सवार्धिक प्रमाण पत्र पखांजूर तहसील में ही बनाऐ गऐ है और एक ही दिन में इसका वितरण भी कर दिया गया।
शासन द्वारा पढ़ाई के दौरान ही अनूसचित जाति जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग के छात्र छात्राओं को उनका जाति प्रमाण पत्र देने की योजना के तहत पखांजूर तहसील में न सिर्फ जिले के सवार्धित प्रमाण पत्र बनाऐ गऐ साथ ही उनका एक ही दिन में वितरण भी कर दिया गया। इसके लिए प्रशासन द्वारा विशेष अभियान चलाया गया और बकायदा संकुल समंवयकों और स्कूलों के शिक्षकों के माध्यम से इन प्रमाण पत्र का वितरण किया गया। जो पालक व छात्र प्रमाण पत्र लेने नहीं आऐ उनके घर प्रमाण पत्र पहुंचाया गया और इस एक ही दिन में वितरण का लक्ष्य पूरा किया गया। शासन की योजना के तहत स्कूल में पढ़ने के दौरान ही छात्रों को उनका जाति प्रमाण पत्र मिले इसके लिए हर वर्ष स्कूल शुरू होते ही प्रमाण पत्र बनाने की कवायद शुरू होती है जिसमें संकुल समंवयक, स्कूल के शिक्षक, ग्राम पंचायत के सचिव तथा हल्का पटवारी द्वारा जिन्होंने जाति प्रमाण पत्र जारी होना है उन छात्रों को चिन्हांकित कर उनके फार्म भरवाऐ जाते है और घर घर जा उनका रिकार्ड लिया जाता है। इस दौरान कई परिवार एसे भी होते है जिनका रिकार्ड अन्य जिलों या तहसील में होता है तो उन्हें वहां से मंगवाया जाता है और पूरी प्रक्रिया पूरा कर छात्रों को स्थाई जाति प्रमाण पत्र जारी होता है। इस वर्ष कक्षा पहली से ले पांचवी तक के छात्रों को प्रमाण पत्र जारी करने का लक्षय रखा गया था जिसके तहत आऐ सभी आवेदनों में से पात्र 3285 छात्र छात्राओं का स्थाई जाति प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। इस पूरी प्रक्रिया में एक वर्ष तक का समय लगा और दो जून को जिन छात्रों को जाति का स्थाई प्रमाण पत्र दिया गया उनका आवेदन स्कूल शुरू होने के दौरान कराया गया था जिन्हें अब प्रमाण पत्र जारी हुआ है।
सभी प्रमाण पत्रों में जाति प्रमाण पत्र सबसे महत्वपूर्ण होता है और इसे बनाना भी बेहद कठिन है। अनूसूचित जाति तथा जनजाति वर्ग के लोगों के लिए 1950 के पूर्व का सरकारी रिकार्ड प्रस्तुत करना होना है जिसमें उनके पिता, दादा, या परदादा के नाम के साथ साथ उनकी जाति का उल्लेख हो तो अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 1984 के पहले का रिकार्ड प्रस्तुत करना होता है। शिक्षा सत्र 21- 22 के लिए प्रशासन द्वारा कक्षा पहली से कक्षा पांचवी तक के छात्रों को प्रमाण पत्र जारी करने का लक्ष्य लिया गया था। जिसके तहत सारे आऐ आवेदनों को निराकृत कर 3285 छात्रों को उनका स्थाई जाति प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। इन प्रमाण पत्रों के लिए छात्रों को कोई शुल्क नहीं देना पडा और उन्हें इसके लिए न ही कोई पटवारी और रिकार्ड के लिए किसी तहसली के चक्कर लगाने पड़े। सभी को घर बैठे बैठे ही यह प्रमाण पत्र शासन द्वारा उपल्बध करा दिया गया।
इस संबध में पखांजूर तहसलीदार शशि शेखर मिश्रा ने बताया की सारे प्रमाण पत्र आननलाइन जारी हुए है अगर किसी का प्रमाण पत्र गुम या खराब हो जाता है तो वह किसी भी लोक सेवा केंद्र के माध्सम से नया प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकता है। इतनी संख्या में प्रमाण पत्र जारी होने और वितरण करने में अधिकारियों के दिशा निदेर्श के साथ साथ सभी कमर्चारियों का सामूहिक प्रयास रहा है।