
तकनीकी दिक्कत से प्रधानमंत्री फसल बीमा कराने में हो रही परेशानी, केंद्र ने बढ़ाई तारीख
रायपुर प्रदेश के किसानों को बीमा कराने में दिक्कत हो रही है। दरअसल, राज्य सरकार ने फसल बीमा योजना का पोर्टल और भुईंया पोर्टल को जोड़ दिया है। इसके बाद कुछ भूमि का रिकार्ड मैच नहीं होने से बीमा नहीं हो पा रहा है। इससे बीमा कराने में दिक्कत आ रही है। किसानों से मिली शिकायत के बाद कृषि विभाग ने केंद्र सरकार को बीमा कराने की तारीख बढ़ाने की मांग की थी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत केंद्र सरकार ने बीमा कराने की तारीख बढ़ाकर 30 जुलाई कर दी है।
बता दें कि धान सिंचित एवं असिंचित ,अरहर, मूंग, उड़द, म-ा एवं उद्यानिकी फसलों का बीमा कराने के लिए आखिरी तारीख 15 जुलाई तक निर्धारित थी। पोर्टल में दिक्कत की वजह से हजारों किसान बीमा योजना से वंचित हो रहे थे। कृषि विभाग के संचालक यशवंत कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार को तारीख बढ़ाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था।
अब तक इतने किसानों ने किया पंजीयन : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत ऋणी किसानों में 31 लाख 86 हजार और अऋणी कृषकों में एक लाख 46 हजार किसानों ने पंजीयन करा लिया है। इस योजना के तहत अधिसूचित फसल उगाने वाले सभी गैर ऋणी कृषक जो योजना में सम्मिलित होने के इच्छुक हों वे बुआई पुष्टि प्रमाण पत्र सत्यापित कर और अन्य दस्तावेज प्रस्तुत कर योजना में सम्मिलित हो सकते हैं।
इस योजना के तहत किसानों को खरीफ फसलों की बीमा के लिए कुल प्रीमियम राशि का मात्र दो प्रतिशत देना होगा। जिसमंे किसानों द्वारा देय प्रीमियम राशि 1100 रुपये धान सिंचित और 840 रुपये धान असिंचित के लिए प्रति हेक्टेयर की दर से होगा। इसी प्रकार सोयाबीन फसल के लिए 924 रुपये, अरहर फसल के लिए 666 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से देय होगा।
अधिकारियों के मुताबिक छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने अपने किसानों को सबसे पहले रबी सीजन 2021-22 की फसल बीमा दावा राशि का भुगतान किया है। खरीफ सीजन शुरू होने से पहले ही डेढ़ लाख से ज्यादा किसानों को उनके द्वारा दी गई प्रीमियम राशि मात्र 15 करोड़ 96 लाख रुपये के एवज में 304 करोड़ 38 लाख रुपये के क्लेम राशि का भुगतान किया है। खरीफ सीजन 2021 में राज्य के 4 लाख से अधिक किसानों द्वारा दी गयी किसान प्रीमियम राशि 157 करोड़ 65 लाख रुपये के एवज में 758 करोड़ 43 लाख रुपये का भुगतान किया गया है।