
रायगढ़।। जिले के जर्जर सड़कों को पीडब्ल्यूडी ने बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कई सड़कें ऐसी हैं, जिसमें भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया की वजह से सड़कों का निर्माण शुरू नहीं हो पा रहा है। सरकार ने नंदेली, चपले से बायंग तक 13.8 किलोमीटर की सड़क करीब 16 करोड़ रुपए की लागत से बनी थी। सड़क बन जाए इसलिए वहां किसानों ने अपनी जमीनें दे दी पर मुआवजे का आबंटन नहीं हो पाया, यह प्रक्रिया 2012 से अटकी हुई थी। कुछ किसानों ने मिलकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
मुआवजा बाजार दर में दो गुना अधिक दाम में ना करते हुए चार गुना की दर करने की मांग की। हाईकोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए किसानों के पक्ष फैसला सुनाया था। उसके बाद सरकार ने मुआवजा मंजूर किया।
इसमें बायंग में 29 किसानों की एक हेक्टेयर 85 डिसमिल जमीन का अधिग्रहण हुआ था। इसके अलावा पनझर में भी 3 किसानों की जमीन गई है। इसमें करीब ढ़ाई करोड से अधिक का मुआवजे की रकम आबंटन सरकार ने किया है। पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने बताया कि इस रकम आबंटन प्रक्रिया शुरू कर दी है।
तीन सड़काें में मुआवजे के लिए आवंटन नहीं मिला
जिले के तीन सड़कों के लिए मुआवजे का वितरण हाेना है। इसके लिए प्रक्रिया अटकी हुई है, इसमें सरकार ने बजट का आबंटन नहीं किया है। इसमें रायगढ़ हमीरपुर की सड़क में 23 किलोमीटर सड़क के लिए 2 करोड 25 लाख रुपए, पत्थलगांव से कापू के लिए 10.50 किलोमीटर के लिए 75 लाख रुपए, तिलगा भगोरा के लिए साढ़े 15 किलोमीटर के सड़क बननी है।
जिसमें डेढ़ करोड रुपए मंजूर करने के लिए बजट उपलब्ध कराने के लिए कलेक्टर ने लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता को 18 नवंबर को पत्र लिखा है। हालांकि इनमें अधिकांश सड़के बन गई है।