108 कुण्डीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ के भूमि पूजन के साथ प्रारंभ हुआ तैयारियों का शुभारंभ

गिरजा गिरे न मस्जिद टूटे वह मंदिर निर्माण करें,जन जन में देवत्व जगाएं : आदर्श दीदी

जशपुर 09 नवंबर

अखिल विश्व गायत्री परिवार के द्वारा बगीचा में शक्ति संवर्धन 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के भूमि पूजन का समारोह रविवार 9 नवम्बर को बगीचा स्थित हाई स्कूल के पास दशहरा ग्राउंड में श्रद्धा एवं उल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर गायत्री परिवार, प्रज्ञापीठ बगीचा के मार्गदर्शन में वैदिक मंत्रोच्चारण एवं यज्ञ के वैदिक विधान के साथ भूमि पूजन संपन्न किया गया। कार्यक्रम में शांतिकुंज प्रतिनिधि सुखदेव निर्मलकर,छत्तीसगढ़ जोन प्रभारी आदर्श दीदी, समन्वयक छत्तीसगढ़ युवा प्रकोष्ठ ओम प्रकाश राठौर,उपजोन समन्वयक एसजे द्विवेदी, सह समन्वयक डी आर चौहान,जिला समन्वयक काशीराम श्रीवास, जिला ट्रस्टी सहादुल सिंह समेत जिले व क्षेत्र से आए गायत्री परिजन श्रद्धालु जन,नगरवासी एवं आसपास के ग्रामों से बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।मुख्य यजमान के रूप में विकास अग्रवाल एवं विक्रम बरार ने सपत्नीक देव आह्वान किया।नगर पंचायत अध्यक्ष प्रभात सिदाम उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा,सज्जन जैन,बजरंग अग्रवाल,संतोष गुप्ता,रमेश गुप्ता समेत अन्य नागरिकों ने सभी आगंतुकों का भाव भरा अभिनंदन किया।

भूमि पूजन के साथ ही आगामी 10 से 13 दिसम्बर 2025 तक बगीचा में आयोजित होने वाले 108 कुण्डीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ की तैयारियों की औपचारिक शुरुआत हो गई है। आयोजन में शान्तिकुञ्ज, हरिद्वार उत्तराखंड के प्रज्ञा पुरोहितों द्वारा राष्ट्र जागरण, संस्कार संवर्धन एवं जनजागरण के विविध कार्यक्रम होंगे।

आयोजकों ने सभी श्रद्धालुओं से इस दिव्य महायज्ञ में सपरिवार सम्मिलित होकर राष्ट्रनिर्माण के इस अभियान में सहभागी बनने का आह्वान किया।

शांतिकुंज प्रतिनिधि सुखदेव निर्मलकर ने बताया कि 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ बगीचा के लिए व्यापक तैयारियां की जा रही है।यह देवकार्य है जिससे जन जन में पवित्रता के साथ देवत्व का भाव उदय होगा।

राष्ट्र को सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए बड़े यज्ञीय आयोजनों का क्रम अखिल विश्व गायत्री परिवार के द्वारा चलाया जा रहा है।जो परिणाम देने वाला कार्यक्रम होता है।समाज में सभी के विचार शुद्ध हों,व्यसनमुक्ति के क्रम चलें,युवाओं में सद्कार्यों को करने की ऊर्जा आए,आदर्श ग्राम योजना,सप्त सूत्रीय आंदोलन शिक्षा,स्वास्थ्य,नशा उन्मूलन, सत्संकल्प पाठ,व्यक्ति निर्माण से लेकर राष्ट्र निर्माण का सूत्र देते हुए सभी परिजनों से बढ़ चढ़ कर गुरु कार्य करने का आवाहन किया गया।

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