स्थानीय नेताओं और राइस मिलर्स की संलिप्तता की आशंका, प्रशासन सख्त कार्रवाई के मूड में
रायगढ़ । धान खरीदी में पारदर्शिता बनाए रखने के सरकार के कड़े निर्देशों के बावजूद रायगढ़ जिले के लोइंग धान खरीदी केंद्र में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। भौतिक सत्यापन के दौरान केंद्र में 1300 क्विंटल धान की कमी पाई गई, जिससे हड़कंप मच गया है। प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है, जबकि दो राइस मिल संचालकों पर गड़बड़ी को दबाने के गंभीर आरोप लगे हैं।
बिना धान आए सॉफ्टवेयर में एंट्री, बढ़ रही धांधली
जानकारी के अनुसार, लोइंग समिति में किसानों के नाम पर बिना धान लाए ही बोगस एंट्री कर दी गई। सत्यापन टीम को बारदाने में भी गड़बड़ी मिली है। मामले में समिति प्रबंधक धनेश्वर राठिया और ऑपरेटर की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि स्थानीय व्यापारी मनीष और मुकेश इस फर्जीवाड़े में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं, जिनके संबंध दो राइस मिल संचालकों से जुड़े बताए जा रहे हैं।
तहसीलदार की रिपोर्ट में खुलासा, कार्रवाई की तैयारी
शनिवार को तहसीलदार शिवकुमार डनसेना और नायब तहसीलदार हरनंदन बंजारे द्वारा किए गए भौतिक सत्यापन में 1300 क्विंटल धान का अभाव पाया गया। पंचनामा तैयार कर लिया गया है और अब पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच जारी है। तहसीलदार डनसेना ने कहा कि धान और बारदाने की सही स्थिति का आंकलन कर रिपोर्ट बनाई जा रही है।
मामले को दबाने में जुटे मिल संचालक, नेताओं की भूमिका संदिग्ध
जैसे ही धान की भारी कमी उजागर हुई, दो राइस मिल संचालकों ने इसे दबाने के प्रयास शुरू कर दिए। धान को डीओ (डिलीवरी ऑर्डर) के माध्यम से समायोजित करने की कोशिश की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, ये मिलर पिछले वर्ष भी किसानों के रिक्त रकबे में फर्जी बिक्री कर चुके हैं। इस बार तो बिना धान लाए ही रिकॉर्ड में एंट्री करा दी गई।
सूत्रों का कहना है कि स्थानीय नेताओं की भूमिका भी इस मामले में संदिग्ध है, जिससे पूरे क्षेत्र में हलचल मची हुई है। रायगढ़ विधायक ओपी चौधरी की साफ-सुथरी छवि के विपरीत इस घोटाले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी सख्त कार्रवाई करता है या इसे रफा-दफा करने की कोशिश की जाती है।
कलेक्टर के निर्देश, तीन चरणों में हो रहा सत्यापन
धान खरीदी केंद्रों की पारदर्शिता जांचने के लिए कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने तीन चरणों में भौतिक सत्यापन के आदेश दिए हैं। वर्तमान में दूसरे चरण का सत्यापन चल रहा है, जिसमें कई समितियों में अनियमितताएं उजागर हुई हैं। लोइंग के अलावा तमनार समिति में भी बोगस एंट्री के मामले सामने आ चुके हैं।
प्रशासन का रुख और आगे की कार्रवाई
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि धान खरीदी में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। संबंधित अधिकारियों की लापरवाही पर भी कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए गए हैं। अब जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।