रेलवे स्टेशन पर बरतें सावधानी, हर किसी को बचाने वाला ‘मसीहा’ नहीं मिलता

नई दिल्ली: अपनी बेतुकी मौज-मस्ती में कई दफा हम यह भूल जाते हैं कि कोई घर पर हमारा इंतज़ार कर रहा है, कोई है, जो हो सकता है कि हमारे ही लिए जी रहा है। चलती ट्रेन में चढ़ना-उतरना, यार-दोस्तों के साथ प्रतिबंधित जगहों, जैसे- नदी, झील में अंदर तक उतर जाना, तेज रफ्तार में अँधाधुंध गाड़ी चलाना, खतरे के निशान से आगे बढ़ते चले जाना, ये कुछ ऐसे उदाहरण हैं जो हमारे अंदर छिपी लापरवाही को जाहिर करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। कुछ देर का मस्ती-मजाक या जानबूझकर की गई लापरवाही हमारी जान ले बैठती है और परिवार के साथ जाने-अनजाने में हम बुरी तरह खिलवाड़ कर जाते हैं।

हालांकि, अब इन आदतों को रेल मंत्रालय ने गंभीरता से लिया है। मंत्रालय हमारी जान को अनमोल मानते हुए हमारी आँखें खोलने का भरसक प्रयास कर रहा है। स्वदेशी सोशल मीडिया मंच कू ऐप पर अपने आधिकारिक हैंडल के माध्यम से रेलवे ने एक के बाद एक तीन दिल दहला देने वाले वीडियोज़ शेयर किए हैं। इनमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि यदि इन्हें बचाने वाले मसीहा सही समय पर प्लेटफॉर्म पर मौजूद नहीं होता, तो शायद तीनों ही लोग अपनी जान से हाथ धो बैठते या फिर उनके साथ कुछ भी हो सकता था।

पहले वीडियो में Koo करते हुए रेलवे ने कहा है:-

‘जीवन बचाने वाला कृत्य ! श्रीमती भारती तिवारी (आरक्षण पर्यवेक्षक) और आरपीएफ कार्मिक ने मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर चलती ट्रेन में चढ़ने का प्रयास करते समय प्लेटफॉर्म पर गिरे एक यात्री की जान बचाई।’ एगमोर, चेन्नई में एक ऑन-ड्यूटी आरपीएफ कॉन्स्टेबल सुश्री ए. माथुरी ने एक यात्री को चलती ट्रेन से गिरते हुए देखकर तुरंत प्रतिक्रिया दी और उसे सुरक्षित वापस खींच लिया।

अगली बार जब भी चलती ट्रेन में चढ़ें या उतरें, तेज गाड़ी चलाएँ, किसी जगह पर खतरे के निशान से आगे जाएँ या फिर इस तरह का कोई भी काम करने का मन करे, तो एक बार यह जरूर सोच लीजिएगा कि आपके बाद आपके परिवार और अपनों का क्या होगा??

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