
एलॅन्स स्कूल परिवार ने गाँधी एवं शास्त्री जी को नमन कर भजन कीर्तन किये
एलॅन्स स्कूल परिवार ने गाँधी जी एवं शास्त्री जी को नमन, भजन और आत्म-मंथन कर स्मरण किया।
बेमेतरा 02/10/2021 :-एलॅन्स पब्लिक स्कूल बेमेतरा के विद्यार्थी एवं शिक्षक शिक्षिकाओं ने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री लालबहादुर शास्त्री जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
स्कूल प्रबंधन के अध्यक्ष श्री कमलजीत अरोरा ने कहा कि ’’गाँधी व्यक्ति नहीं थे, वे देश के लिए विचारधारा थे। बापू संत स्वभाव के महापुरूष, समाज सेवक तथा सच्चे मायने में समाज सुधारक थे। तभी विश्व उन्हें बापूजी के नाम से पुकारता है। गाँधी जी हमारे बीच उपदेशक के रूप में नहीं अपितु सत्य मार्ग के राही एवं प्रयोग धर्मी महात्मा के रूप में ब्रम्हचर्य, सर्वधर्म समभाव एवं स्वदेशी आंदोलन को स्वयं एवं दूसरों के लिए अनिवार्य मानते थे। सत्य के प्रति निष्ठा जिसका जीवन सिद्धांत रहा हो, सत्य की खोज और उसकी प्रतिस्थापना जिसका जीवन कर्म हो, अछूतां को हरिजन के रूप में प्रेम करने वाले, सदियों से बनी लोगों की सोच को परिवर्तित करने का सफल प्रण, वसुधैवकुटुंबकम् की भावना जिसके प्रण रहे हों, मानवता पर समर्पित, कृषकाय तन पर लंगोटी पहने संत, युगों- युगों तक लोगों के दिलों पर एक छत्र राज करते रहेंगे। दूसरे महापुरूष शास्त्री जी विराट सोच, उदार दिल के सहज व सरल व्यक्तित्व के धनी थे। ’’
प्राचार्य डॉ सत्यजीत होता ने कहा कि ’’ बापूजी सर्वकालीन स्मरणीय देवदूत के रूप में अवतरित हुए, जिनका व्यक्तित्व एवं कृतित्व सम्पूर्ण विश्व के लिए अनुकरणीय है। उनका जीवन आदर्श सत्य, अहिंसा , अपरिग्रह , अस्तेय और सर्वोदय पर अवलंबित था। वे मानवता के प्रबल समर्थक सद्भावना के जीते जागते प्रतिमूर्ति रहे। स्वच्छता जिनके लिए पूजा से कम नहीं तथा स्वावलंबन जिनकी जीवन शैली बन गई। वे आहार विहार और व्यवहार पर ज्यादा जोर देते थे। क्योंकि इसी से चरित्र का निर्माण होता है। आज ॅभ्व् ने शोध करके कहा है कि विश्व की 70ः बीमारी जीव जनित है, इसके उलट वनस्पति अमृत तुल्य औषधि बनकर जनोपयोगी सिद्ध हुए है। अतः हमे वेद व प्रकृति की ओर लौटना होगा। बगैर संस्कृति व संस्कार के जीवन पशु समान है। वे सभी से आग्रह करते थे कि आपका साध्य अर्थात लक्ष्य चाहे जितना बड़ा से बड़ा हो वह तभी चर्मात्कर्ष को प्राप्त करेगा या सिद्धि को प्राप्त होगा। जब उसकी प्राप्ति हेतु अपनाए गए प्रविधि या साधन भी पवित्र होगा। साथ ही भारत रत्न लालबहादुर शास्त्री कद से छोटे परन्तु हिमालय की तरह अटल और दृढ़ संकल्पी महामनव थे। भारत के विकास की धारा में हरित क्रांति तथा श्वेत क्रांति और जय जवान, जय किसान का उद्योष उनके क्रांतिकारी सोच को उजागर करता है।। बापूजी एवं शास्त्री जी को मेरा शत् शत् नमन।
कार्यक्रम का प्रारंभ गांधी जी एवं शास्त्री जी के तैल्य चित्रों पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया। तत्पश्चात शिक्षक – शिक्षिकाओं एवं विद्यार्थियों ने सुमधुर कंठां से बापू के प्रिय भजन ’’वैष्णव जन तो तेने कहिए जो पीर पराई जाणे रे एवं रघु पति राघव राजा राम पतित पावन सीता राम तथा साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल’’का गायन किया।
आज सुबह प्राचार्य महोदय के नेतृत्व में विद्यार्थियों तथा शिक्षक -शिक्षिकाओं ने विद्यालय परिसर के साफ सफाई करके गांधीजी के स्वच्छता अभियान तथा स्वावलंबन के मार्ग को अपनाने हेतु संकल्प लिए। तदुपरान्त कक्ष 1 के छात्र वक्ता समरेश मोहंती ने संदेश दिया कि जिस भांति वानर राज हनुमान के ह्दय में श्रीराम -जानकी का वास है यदि उसी भांति यदि वर्तमान काल में मानुष्य के ह्दय में गांधीजी के तीनों बंदरों (बुरा मत देखों, बुरा मत सुनों, बुरा मत बोलों) का वास हो तो विश्व में शांति स्थापना की जा सकती है।, भूपेन्द्र बांधडे़ तथा शिक्षक वक्ता श्री एस. राणा, श्री टी. श्रीनिवास राव, श्रीमति पुष्पलता पटले, श्रीमति एस. ठाकुर, मिस. सस्मिता ओझा, श्रीमति रेणुका काले एंव छा़त्र – छात्राओं ने सारगर्भित आत्म मंथनात्मक विचार प्रकट किए। मंच संचालन मनमीत सिंह राजपाल एवं नवनेश बाबा दिनकर ने किए।
उक्त समारोह में स्कूल डायरेक्टर श्री पुष्कल अरोरा, स्कूल प्रशासक श्री सुनील शर्मा, शिक्षक-शिक्षिकाएँ एवं विद्यार्थी गण उपस्थित थे।