छत्तीसगढ़सामाजिक

2020 में हो गया उत्पाती हाथी गणेश का आतंक समाप्त साल भर में 8 ग्रामीणों को हथियों ने सुला दी मौंत की नींद

रायगढ़. कहने को तो इस साल मुआवजा को लेकर विभाग को थोडी राहत मिली है परंतु इन सबसे अलग देखे तो इस साल क्षेत्र वासियों को गणेश हाथी के आतंक से मुक्ती मिल गई . जिसे लेकर धर्मजयगढ़ वन मंडल के विभागिय कारिदों से लेकर क्षेत्र वासी तक हलाकान हो गये थे और खौंफ के साये में दिन गुजार रहे थे. 6 जून 2020 को गणेश हाथी की ग्राम बेहरामार में कटहल खाने के दौरान करेंट से चिपक कर मौंत हो गई. इसके अलावा एक साल में गजराजों ने 8 ग्रामीणों को मौंत की नींद सुला दी.इसके अलावा विभागिय सूत्रों के अनुसार वन मंडल में तीन हाथियों की करेंट से चिपक कर मौंत हुई है . वन विभाग के अनुसार साल भर में 3 हाथी की मौंत हुई और हथियों ने 8 ग्रामीणों को मौंत के घाट उतार दिया. मौंत . इसमें 1 घायल हो गया था.

इस साल 1 करोड 65 लाख 17 हजार 199 रूपये का मुआवजा वितरण किया है . गजराजो ने 1629 किसानो की फसलो के साथ साथ 76 किसानों के घरो को तोड दिया. जिसमें 80 किसानो की सम्पत्ति शामिल है. 1629 किसानो की फसल एव 76 मकान तथा 80 अन्य सम्पत्ति के प्रकरण में 1 करोड 65 लाख 17 हजार 199 रूपये का मुआवजा वितरण किया है जबकि वर्ष 2019 में विभाग ने 4 करोड 26 लाख 38 हजार 556 रूपये का मुआवजा वितरण किया था .

छाल सबसे ज्यादा मौंंत
खास बात यह है कि छाल रेंज में सबसे ज्यादा 3 ग्रामीणों की मौंत हुई है जहां गणेश राम बोजिया ,अशिक कुमार पिता श्याम तेदूमुडी, एवं मुकेश राठिया पिता प्रताप जामपाली को गजराजो ने कुचल कर मौंत के घाट उतार दिया.

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