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देश की 33 फीसदी जनसंख्या के पास 52 फीसदी कोल्ड चेन प्वाइंट्स, इन छह राज्यों में 40 कोल्ड चेन उपकरण

कोरोना की दो वैक्सीन को आपातकाल इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के बाद अब देश में वैक्सीनेशन प्रक्रिया पर जोर दिया जाएगा। वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी मिलने के बाद अब इसकी डिलिवरी और रखरखाव पर फोकस किया जाएगा। कोरोना टीकों को रखने के लिए एक तय तापमान वाला ठंडा वातावरण चाहिए। इसमें कोल्ड चेनों का अहम रोल रहने वाला है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पहले ही इस बात की जानकारी दे चुका है कि देश में 28,932 कोल्ड चेन प्वाइंट्स और 85,622 कोल्ड चेन उपकरण हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, राज्यवर डाटा देखने के बाद यह जानकारी मिलती है कि छह राज्य, जिनमें कुल जनसंख्या के एक तिहाई लोग रहते हैं, उनके हिस्से 52 फीसदी कोल्ड चेन और करीब 40 फीसदी उपकरण होंगे।

इन राज्यों में कोल्ड चेन और उपकरणों की सुविधा
रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, राजस्थान, गुजरात और आंध्र प्रदेश में कुल 15,072 कोल्ड चेन प्वाइंट और 33,126 उपकरण होंगे। इसके अलावा बाकी बचे 30 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के पास 13,860 कोल्ड चेन प्वाइंट और 52,496 कोल्ड चेन उपकरण हैं।

कर्नाटक के पास दूसरी सबसे बड़ी कोल्ड चेन प्वाइंट्स हैं। कर्नाटक को केंद्र से 64 लार्ज आइस-लाइंड रेफ्रिजरेटर (आईएलआर) मिल गए हैं। हालांकि 866 अतिरिक्त छोटे (आईएलआर) और 28 डीप फ्रीजर्स पाइपलाइन में पहले से हैं।

जनसंख्या अनुमान की बात करें तो इन राज्यों में कुल मिलाकर 46.7 करोड़ लोग होंगे। हालांकि सरकार का कहना है कि वो जल्द ही कोल्ड चेन प्वाइंट्स और उपकरणों को बढ़ाने की तैयारी कर रही है। बता दें कि रविवार को डीसीजीआई ने रविवार को कोरोना की दो वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी थी।

इसमें सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन शामिल है। डीसीजीआई के इस बड़े फैसले से टीकाकरण का रास्ता साफ हो गया है। अब वैक्सीन को रखने के लिए कोल्ड चेन प्वाइंट्स और उपकरण की जरूरत पड़ेगी, जिसको लेकर सरकार लगातार काम कर रही है।

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