
61 जवानों की हत्या में शामिल महिला नक्सली का सरेंडर, 2 लाख का था इनाम, दंतेवाड़ा में भी एक माओवादी का समर्पण
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा व दंतेवाड़ा में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। एक महिला व एक पुरुष हार्डकोर नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर सरेंडर कर दिया। दोनों नक्सली लंबे समय से माओवादी संगठन में काम कर रहे थे और कई बड़ी घटनाओं में शामिल रहे हैं। सुकमा जिले में सरेंडर करने वाली महिला नक्सली पर 2 लाख रुपये का इनाम था, वहीं दंतेवाड़ा में सरेंडर करने वाले माओवादी पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित था। दोनों नक्सलियों ने माओवादियों की खोखली विचारधारा से त्रस्त होकर संगठन छोड़ना बताया। पुलिस को इनसे महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है।
सुकमा में पूना नर्कोम (घर वापस आइये) अभियान के तहत मीनपा, टेकेलगुडा, बुरकापाल जैसी बड़ी नक्सली घटनाओं में शामिल 2 लाख रुपये की इनामी महिला नक्सली ने आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसर्पित नक्सली पोड़ियम सोमड़ी नक्सलियों के मिलिट्री प्लाटून नं. 4 की सदस्य और मेडिकल टीम में कोंटा एरिया कमेटी में सक्रिय थी। सरेंडर महिला नक्सली संगठन के बड़े-बड़े लीडरों के साथ काम कर चुकी है। पुलिस के मुताबिक सोमड़ी करीब 12 सालों से नक्सली गतिविधियों में शामिल थी। इस दौरान ये बुरकापाल, टेकेलगुड़ा और मीनपा हमले में शामिल हुई, जिसमें 61 जवान शहीद हुए थे। फोर्स के दबाव में नक्सली सरेंडर कर रहे हैं या फिर मुठभेड़ में मारे जा रहे हैं।
एक लाख के इनामी हार्डकोर नक्सली ने छोड़ा हिंसा
दंतेवाड़ा में भी एक हार्डकोर नक्सली ने सरेंडर कर दिया। माओवादी संगठन के पूर्वी बस्तर डिवीजन अंतर्गत आमदाई एरिया कमेटी में कार्यरत एलजीओएस सदस्य ने सीआरपीएफ के डीआईजी विनय कुमार सिंह, 195वीं बटालियन के कमांडेंट वी प्रताप सिंह, द्वितीय कमान अधिकारी 195वीं बटालियन विक्रम कुमार, एएसपी नक्सल ऑपरेशन योगेश पटेल के समक्ष समर्पण कर दिया। पुलिस द्वारा चलाए जा रहे लोन वर्राटू अभियान के तहत सरेंडर हुआ है। उक्त नक्सली पर 1 लाख रुपये का इनाम था। वह पिछले 5 वर्षों से नक्सली संगठन के लिए काम कर रहा था और कई बड़ी घटनाओं में शामिल रहा है।