92 वर्षीय रामाप्रसाद मिश्रा ने स्वास्थ्य की परवाह किए बिना किया मतदान, लोकतंत्र के प्रति दिखाई अद्वितीय प्रतिबद्धता

बेमेतरा 11 फ़रवरी 2025:- नगरीय निकाय चुनाव 2025 के चुनाव के दौरान आज वार्ड नंबर 3 के 92 वर्षीय असिस्टेंट प्रोफेसर (रिटायर्ड) रामाप्रसाद मिश्रा ने लोकतंत्र के प्रति अपनी अद्वितीय प्रतिबद्धता का परिचय देते हुए मतदान किया। स्वास्थ्य ठीक न होने के बावजूद भी उन्होंने अपने परिवार से स्पष्ट रूप से कहा, “मुझे वोट देना है, चाहे कुछ भी हो जाए।” लोकतंत्र में अपनी भूमिका निभाने के प्रति उनकी यह अडिग निष्ठा प्रेरणादायक है।

रामाप्रसाद मिश्रा ने बेमेतरा के कन्या शाला स्कूल में स्थित आदर्श मतदान केंद्र पर पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। उनके परिवार ने बताया कि वह कल से ही मतदान के लिए बेहद उत्साहित थे और अपनी तबीयत को नजरअंदाज करते हुए वोट देने की जिद पर अड़े हुए थे। परिवार के सदस्यों ने उनकी यह इच्छाशक्ति देखकर उनका साथ दिया और आज उन्हें मतदान केंद्र पर लाकर उनकी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी पूरी कराई। उनकी इस प्रतिबद्धता को देखते हुए उन्हें व्हीलचेयर के माध्यम से मतदान केंद्र तक लाया गया, जहां उन्होंने अपने मत का प्रयोग किया।

कन्या शाला स्कूल में स्थित आदर्श मतदान केंद्र पर मतदाताओं के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध थीं। छाया, पानी और बैठने की पर्याप्त व्यवस्था के साथ ही दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिकों के लिए व्हीलचेयर की विशेष सुविधा भी मुहैया कराई गई थी, ताकि किसी मतदाता को असुविधा न हो। रामाप्रसाद मिश्रा ने इन सुविधाओं का लाभ उठाते हुए अपने लोकतांत्रिक अधिकार का सम्मान किया और वोट दिया।

92 वर्ष की उम्र में भी रामाप्रसाद मिश्रा का इस तरह मतदान करना न केवल युवा पीढ़ी बल्कि पूरे समाज के लिए एक प्रेरणा है। उनके इस कदम ने यह साबित किया कि लोकतंत्र में हर व्यक्ति का मत महत्वपूर्ण है और नागरिकों को अपने अधिकार का प्रयोग करना चाहिए, चाहे उम्र या स्वास्थ्य जैसी बाधाएं हों।
आदर्श मतदान केंद्र पर मिश्रा जी के मतदान करने का दृश्य देखकर अन्य मतदाताओं में भी उत्साह और जागरूकता का माहौल बना। प्रशासन द्वारा मतदान प्रक्रिया को सुगम और सुरक्षित रखने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए थे, जिससे रामाप्रसाद मिश्रा जैसे वरिष्ठ मतदाताओं को भी किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा।
रामाप्रसाद मिश्रा का यह समर्पण एक प्रेरक उदाहरण है कि लोकतंत्र के प्रति सच्ची निष्ठा किसी आयु, परिस्थिति या स्वास्थ्य से बाधित नहीं होती। उनके इस योगदान से यह संदेश मिलता है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हर नागरिक की भागीदारी महत्वपूर्ण है, और वोट देने का अधिकार न केवल कर्तव्य है बल्कि एक गौरवशाली अवसर भी है।

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