
रायगढ़ : जब शहीद विप्लव और उनके परिवार का शव उनके घर पहुंचा तब लोग भावुक हो उठे। कई लोगों के आंखों में आंसू थे तो कई भारत माता के जयकारा लगाकर अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे थे। कई लोग अपने हाथों में तिरंगा लिए घूम रहे थे। लेकिन उनके घर में उनका परिवार उनके शव का इंतजार कर रहा था।
शहीद का शव जब उनके घर पहुंच तो उनके माता पिता ने उन्हें नमन किया और सलामी देते हुए कहा- जय हिंद साहब। उनके माता आशा त्रिपाठी के ऐसा कहने से पूरा माहौल भावुक हो उठा। कई लोगो की आंखे छलछला गई। इसके बाद पारंपरिक पूज विधान किया गया।
मुक्तिधाम में शहीद विप्लव के भाई अनय त्रिपाठी ने उन्हें मुखाग्नि दी। अनय खुद भी सेना में हैं। मुक्तिधाम में इतनी भीड़ थी कि अंदर घुसने मुश्किल हो गया था। शाहिद को दो बार गॉड ऑफ ऑनर दिया गया। पहला रामलीला मैदान में असम राइफल्स जे जवानों ने दी इसके बाद मुक्तिधाम में भी अंतिम सलामी दी गई। इसी बीच वार्ड क्र.20 कोष्टा पारा के स्थानीय चित्रकार पौरस देवांगन ने कर्नल विपल्व त्रिपाठी उनकी पत्नी व बच्चा मास्टर आरव त्रिपाठी की रंगोली के माध्यम से चित्र उकेर कर गमहीन परिवार को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की पूरे वार्ड के लोग व पार्षद प्रभात साहू रंगोली देखकर भावुक हो गए और पुष्प व दिया जलाकर शहीद परिवार को नमन किया।