
ऑडिट दिवस: पीएम मोदी बोले- हमने ‘कैग बनाम सरकार’ की क्षणभंगुर भावना को बदल दिया, पढ़ें पूरा भाषण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पहले ऑडिट दिवस समारोह में भाग लेने सीएजी (CAG) कार्यालय पहुंचे हैं। यहां पर पीएम मोदी ने ऑडिट दिवस समारोह को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आप सभी को ऑडिट दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। एक संस्था के रूप में कैग (सीएजी) न सिर्फ देश के खातों का हिसाब किताब चैक करता है, बल्कि उत्पादकता में, efficiency में value education भी करता है। सीएजी न केवल राष्ट्र के खातों पर नजर रखता है बल्कि उत्पादकता और दक्षता में भी मूल्य जोड़ता है। इस प्रकार, लेखा परीक्षा दिवस हमारे सुधार और सुधार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक संस्थान के रूप में सीएजी अपने आप में एक विरासत है। इसकी रक्षा करना और इसे बेहतर बनाना हर पीढ़ी का कर्तव्य है।यह एक बड़ी जिम्मेदारी है। आज हमें देश की अखंडता के नायक सरदार पटेल की प्रतिमा के अनावरण का अवसर मिला है। गांधी जी हों, सरदार पटेल हों, या बाबा साहेब अंबेडकर, राष्ट्र निर्माण में इन सभी का योगदान सीएजी के लिए, हम सभी के लिए, कोटि-कोटि देशवासियों के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।
एक समय था, जब देश में ऑडिट को एक आशंका, एक भय के साथ देखा जाता था। ‘CAG बनाम सरकार’, ये हमारी व्यवस्था की सामान्य सोच बन गई थी। लेकिन आज इस मानसिकता को बदला गया है। आज ऑडिट को वैल्यू एडिशन का अहम हिस्सा माना जा रहा है। हम ने ‘कैग बनाम सरकार’ की क्षणभंगुर भावना को बदल दिया है। आज, ऑडिट को मूल्यवर्धन के प्रमुख भागों में से एक माना जाता है। सरकार के काम का विश्लेषण करते समय सीएजी को बाहरी दृष्टिकोण का लाभ मिलता है। हम प्रणालीगत सुधार के लिए सीएजी के सुझावों को लेते हैं। हमने पूरी ईमानदारी के साथ पिछली सरकारों का सच, वो चाहे जो भी स्थिति थी, उसे देश के सामने रखा है। हम समस्याओं को पहचानेंगे, तभी तो समाधान तलाश पाएंगे। कैग नियमित रूप से राजकोषीय घाटे और सरकारी खर्च के बारे में चेतावनी देता था। हमने आपकी चेतावनियों को सकारात्मक तरीके से लिया और अप्रयुक्त और कम उपयोग वाले तत्वों से कमाई करने का निर्णय लिया। ऐसे कई फैसलों से भारत की अर्थव्यवस्था फिर से रफ्तार पकड़ रही है। न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन, संपर्क रहित रीति-रिवाज, स्वचालित नवीनीकरण, फेसलेस मूल्यांकन और सेवा वितरण के लिए ऑनलाइन आवेदन- इन सभी सुधारों ने अनावश्यक सरकारी हस्तक्षेप को समाप्त कर दिया है। आज भारत पूरी दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है। आज 50 से ज्यादा हमारे भारतीय यूनिकॉर्न खड़े हो चुके हैं। भारतीय IITs आज चौथे सबसे बड़े यूनिकॉर्न प्रोड्यूसर बन कर उभरे हैं।