आप आंख मूंदकर डॉक्‍टर की बात मान लेते हैं या उनसे सवाल करते हैं?

कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर इंदौर से एक व्‍यक्ति ने अपना लंबा अनुभव साझा किया. वो पेट से संबंधित किसी समस्‍या को लेकर एक डॉक्‍टर के पास गया और डॉक्‍टर ने उसे 12 टेस्‍ट लिखकर दे दिए. उनमें से कुछ तो सामान्‍य ब्‍लड टेस्‍ट थे, लेकिन 5-6 टेस्‍ट ऐसे थे, जो बहुत महंगे होने के साथ- साथ ऐसे लग रहे थे कि जिनका पेट की समस्‍या से सीधे कोई संबंध समझ में नहीं आ रहा था.

डॉक्‍टर का इस बात पर जोर था कि ये सारे टेस्‍ट जरूरी हैं. उस व्‍यक्ति ने एक दूसरे डॉक्‍टर को दिखाया और उस डॉक्‍टर ने अब 12 की जगह 15 टेस्‍ट करने की ताकीद कर दी, जो पिछले वाले टेस्‍ट से भी ज्‍यादा महंगे थे. हारकर वो व्‍यक्ति एक तीसरे डॉक्‍टर के पास गया, जिनकी फीस सबसे कम थी. उन्‍होंने सिर्फ एक अल्‍ट्रासाउंड करवाने को कहा, सिर्फ दो गोलियां लिखकर दीं और उस व्‍यक्ति को आराम मिल गया.

अपनी पूरी कहानी सुनाने के बाद उसने पूछा था कि आखिर डॉक्‍टरों पर भरोसा कैसे करें. कैसे पता करें कि हमें सही सलाह दी जा रही है.

ये कुछ-कुछ वैसा ही है कि जिस विषय की हमें जानकारी न हो, उस में गुमराह किए जाने का खतरा काफी होता है. फर्ज करिए कि आप अपना मोबाइल या लैपटॉप खराब होने पर उसे बनवाने जाएं. हो सकता है कि उसमें कोई मामूली सा तार ही हिला हो, लेकिन सामने वाला बंदा आपको लंबी-चौड़ी समस्‍या गिना दे और हजारों रु. का बिल बना दे. आप कुछ नहीं कर पाएंगे क्‍योंकि आपको उस विषय की कोई जानकारी ही नहीं है.

हर कोई हर विषय का एक्‍सपर्ट तो नहीं हो सकता, लेकिन अपने शरीर और स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर हम थोड़ा ज्‍यादा सजग और ज्‍यादा जानकार तो हो ही सकते हैं.

इसलिए डॉक्‍टर की हर बात को आंख मूंदकर मान नहीं लेना चाहिए बल्कि जहां तक संभव हो, उस जानकारी को एक बार क्रॉस चेक करने की कोशिश जरूर करनी चाहिए. गूगल का ये सही और सार्थक इस्‍तेमाल है कि हम स्‍वास्‍थ्‍य से संबंधी सही जानकारियां भरोसेमंद स्रोतों से जुटाएं और उसके बारे में पढ़ें.

साथ ही डॉक्‍टर से ढेर सारे सवाल करने चाहिए. अगर डॉक्‍टर किसी टेस्‍ट के बारे में लिख रहे हैं तो ये जानना हमारा अधिकार है कि वो टेस्‍ट क्‍या है और किस बारे में है. हमारा काम सिर्फ आंख मूंदकर डॉक्‍टरी सलाह पर अमल करना नहीं है. हमारा काम अपनी बीमारी से संबंधित हर जरूरी सवाल पूछना और उसका जवाब पाना है.

चाहे टेक्निकल सेवाएं हों या स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी सेवाएं, हम जितने सजग और जानकार होंगे, हमारे लुटने या गुमराह होने की संभावना उतनी कम होगी.

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