
लखनऊ: यूपी चुनाव 2022 से पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के एक बयान से सियासी तनाव पैदा हो गया है. दरअसल स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर 1 जनवरी से 7 जनवरी के बीच स्कूलों में सूर्य नमस्कार कार्यक्रम पर सरकार की आलोचना करते हुए मुस्लिम छात्रों से सूर्य नमस्कार ना करने की हिदायत दी है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि ये इस्लाम के खिलाफ है और इस्लाम इसकी अनुमति नहीं देता. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलना ख़ालिद सैफुल्लाह रहमानी ने इस बाबत बयान जारी कर सूर्य नमस्कार का विरोध किया है. अपने बयान में मौलाना ख़ालिद सैफ़ुल्लाह रहमानी ने कहा है कि मुस्लिम छात्र सूर्य नमस्कार ना करें क्योंकि ये पूजा की एक विधि है जिसकी इजाजत इस्लाम में नहीं है.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बयान का विरोध करते हुए यूपी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि बोर्ड लगातार मुसलमानों का शोषण करता रहा है. गौरतलब है कि मोदी सरकार ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ को अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तौर पर मना रही है. इस बाबत सभी स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि 1 से 7 जनवरी के बीच स्कूलों में सूर्य नमस्कार करवाया जाए. इसी आदेश का ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड विरोध कर रहा है और तर्क दे रहा है कि सूर्य नमस्कार पूजा का एक रूप है जिसकी इस्लाम अनुमति नहीं देता.
आपको बता दें कि अगले दो महीने में यूपी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जिसको लेकर सियासी सर्गर्मियां तेज हैं. राजनीतिक पार्टियां मुद्दों की तलाश में हैं जिसको उछाला जाए और इसका राजनीतिक लाभ लिया जाए. हालांकि सूर्य नमस्कार और वंदे मातरम पर पहले भी विवाद हो चुका है लेकिन क्योंकि ये चुनावी सीजन है ऐसे में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के इस बयान पर विवाद होना पक्का है.