
खरगोन जिले में एक नाग को लोगों ने कटने के बाद पूजा पाठकर मुक्ति दिलाई। नाग जेसीबी से कट गया था लेकिन वह फन फैलाकर अपने कटे हुए हिस्से को देखता रहा तो लोगों ने वहीं दूध पिलाया व पूजा पाठ शुरू कर दी। इसके बाद जब नाग के प्राण चले गए तो उसे दफन कर दिया गया।
जिले के करही में पुरानी बसन्त जिनिंग परिसर में जेसीबी से वेस्ट मटेरियल हटाते समय एक नाग जेसीबी के बकेट की चपेट में आ गया। इससे नाग दो हिस्सों में बंट गया। जिसे देखने ग्रामीणों का हुजुम लग गया। नाग के एक हिस्से में जान होने से वह फन फैलाकर घटना वाली जगह पर ही खड़ा हो गया। फन फैलाकर वह कटे हुए हिस्से को देखता रहा। सभी भौचक्के थे। लोगों ने घायल नाग को दूध पिलाने के लिए थाली रख दी। उसमें लोगों ने दूध डाला। काफी देर तक नाग अपने कटे हुए हिस्से को देखता रहा।
मंत्रोच्चारण से पूजा-पाठ
घटना की जानकारी मिलते ही नाग मन्दिर के पंडित ओम शर्मा वहां पहुंचे । यह नजारा देखकर पंडित जी ने नागिन के पास दूध से भरा कटोरा रख कर पूजा की। सौरभ छाजेड़ ने नाग के समक्ष शास्त्र का वाचन किया। स्थानक भवन में विराजित जैन सन्त ने आकर मांगलिक सुनाई । दोपहर में नाग ने दम तोड़ दिया जिसका श्रद्धालुओ ने अंतिम संस्कार परिसर में ही किया।
घटना की जानकारी मिलते ही नाग मन्दिर के पंडित ओम शर्मा वहां पहुंचे । यह नजारा देखकर पंडित जी ने नागिन के पास दूध से भरा कटोरा रख कर पूजा की। सौरभ छाजेड़ ने नाग के समक्ष शास्त्र का वाचन किया। स्थानक भवन में विराजित जैन सन्त ने आकर मांगलिक सुनाई । दोपहर में नाग ने दम तोड़ दिया जिसका श्रद्धालुओ ने अंतिम संस्कार परिसर में ही किया।