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लोकतंत्र का चौथा स्तंभ पत्रकार होता है, उनके साथ जिम्मेदार अधिकारी द्वारा दुर्व्यवहार करना अनुचित व निंदनीय है…. रायगढ़ सांसद श्रीमती गोमती साय

जशपुर- पत्रकारों से दुर्व्यवहार मामले में रायगढ़ सांसद श्रीमती गोमती साय ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि सभी शासकीय अधिकारी जनता के मुलाजिम है, जनता और पत्रकार को विभागीय कार्यों का जानकारी देना उनका पहला कर्तव्य, लेकिन लोक निर्माण विभाग के एसडीओ का कृत्य उनके आचरण के विपरीत है, जो एक जिम्मेदारी शासकीय कर्मचारी को शोभा नहीं देता है। इस मामले की जांच कर कार्यवाही का मांग उठाते हुए सांसद ने कहा है कि उनका समर्थन पत्रकारों के साथ है। ज्ञात हो की लोकसभा सांसद श्रीमती गोमती साय ने घटना पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ पत्रकार होता है,जो शासन-प्रशासन के कार्यों व गतिविधियों सहित अन्य क्रियाकलापों को सामने लाने का कार्य करता है, इस कार्य में सभी जनप्रतिनिधियों सहित शासकीय अमला को भी कदम से कदम मिला साथ दिया जाना है। लेकिन लोक निर्माण विभाग के एसडीओ द्वारा जो कृत्य किया गया उससे यह प्रतीत होता है की एसडीओ गैर जिम्मेदार कर्मचारी हैं। कांग्रेस के शासन काल में अधिकारी बेलगाम हो गये है और तानाशाह रवैया अपनाते हुए इस प्रकार के कृत्य कर गुजर रहे हैं। कांग्रेस के शासन काल में लगातार पत्रकारों के खिलाफ घटनाएं घटित हो रही हैं और उन पर झूठे मामले भी दर्ज किये जा रहे हैं। जिसका जवाब आगामी चुनाव में जनता व पत्रकार अवश्य देंगे।भाजपा की सरकार बनते ही ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कठोरात्मक कार्यवाही किया जायेगा साथ ही तानाशाह रुख एख़्तियार करने वाले अधिकारियों को सबक भी सिखाया जायेगा।

आपको बता दें कि भ्रस्टाचार की खबरें उजागर होने से बौखलाये लोक निर्माण विभाग के एसडीओ ने पत्रकारों से बात नहीं करने का खुला ऐलान कर दिया है। एसडीओ ने बौखलाहट में कुछ अपशब्दों का भी उपयोग किया है जो एक जिम्मेदार अधिकारी को कतई शोभा नहीं देता है,एसडीओ के इस कृत्य की सोशल मीडिया में जमकर आलोचना हो रही है और घटना की निंदा करते हुए एसडीओ के विरुद्ध कठोरात्मक कार्यवाही का मांग किया जा रहा है।
ज्ञात हो की लोक निर्माण विभाग में व्याप्त भ्रस्टाचार की खबरें प्रकाशित होने से विभाग के पत्थलगांव एसडीओ मोहन राम भगत बुरी तरह झल्ला गये हैं। उन्होंने झल्लाहट में पत्रकारों से न बात करने की नसीहत देना शुरू कर दिया है। जिसको लेकर सोशल मीडिया में जमकर ट्रोल किया जा रहा है। जिले के सामाजिक संगठनों सहित राजनीतिक दलों ने भी उक्त कृत्य की कठोर शब्दों में निंदा की है और लोक निर्माण विभाग के एसडीओ को पत्रकारों से माफी मांगने का सलाह दिया जा रहा है।
विदित हो की लोक निर्माण विभाग द्वारा एक ठेकेदार को संरक्षण देकर सड़कों के निर्माण में कोताही बरतने की खबर आज प्रकाशित हुई,इसमें विभिन्न निर्माण कार्य में बरती गई लापरवाही सहित व्याप्त भ्रस्टाचार को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया। जिसके बाद बौखलाये एसडीओ मोहन राम गुप्ता ने पत्रकारों को ही नसीहत देना शुरू कर दिया कि वे प्रेस रिपोर्टरों से बात नहीं करेंगे। इस बौखलाहट ने यह जरूर दर्शा दिया है की भ्रस्टाचार के आरोप में पूछने वाले सवालों का वे जवाब देने की जहमत मोल लेना नहीं चाह रहे,लोगों के द्वारा पूछने वाले प्रत्येक सवालों से बचा अपने आप को बेदाग दिखाने के लिये मीडिया से दूरी बनाये जाने हेतु यह कदम एसडीओ द्वारा उठाया जा रहा है जिसको लेकर विभिन्न सगठनों सहित राजनीतिक दलों ने भी नाराजगी व्यक्त कर दिया है,साथ ही सड़कों के निर्माण में लगे आरोपों की जाँच व कार्यवाही का मांग भी तेज हो चुका है।

वर्जन :-
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के प्रदेश अध्यक्ष विजय प्रसाद गुप्ता ने कहा कि इस घटना की निंदा करते हुवे कहा की भ्रस्टाचार की जांच अवश्य होनी चाहिए।जिले में भ्रस्टाचारियों को किसी भी कीमत में बख़्शा नहीं जायेगा,भ्रस्टाचार की भेंट चढ़ चुके तपकरा लावाकेरा और तपकरा से लुढे़ग मार्ग के निरीक्षण में वह खुद कल जायेंगे और निरीक्षण पश्चात भ्रस्टाचार की शिकायत उच्च अधिकारियों सहित शासन व प्रशासन से करेंगे।

वर्जन :-
भाजयुमो प्रदेश सदस्य नितिन राय ने एसडीओ के इस व्यवहार की कड़े शब्दों में आलोचना करते हुए कहा की ऐसे अधिकारी अपनी औकात में रहे जिन्हें देश के चौथे स्तंभ का सम्मान करना नहीं आता है,युवा मोर्चा देश के चौथे स्तंभ का साथ हमेशा से खड़ा है चौथे स्तंभ के उपर प्रहार करने वालों को उनकी औकात दिखा दी जायेगी,तपकरा से लावाकेरा मार्ग और तपकरा से लुढ़ेग सड़क मार्ग में व्याप्त भ्रस्टाचार की जांच होनी चाहिए,यदि भ्रस्टाचार की जांच नहीं होती है तो भाजयुमो सड़क में उतर आंदोलन का रुख एख्तियार करेंगे।

वर्जन :-
भाजपा जिलाध्यक्ष रोहित साय ने कहा कि विपक्ष इस घटना की कठोर शब्दों में निंदा करता है,सड़क में व्याप्त भ्रस्टाचार को लेकर विपक्ष जल्द ही आंदोलन का रुख एख्तियार करेगा,किसी भी प्रशासनिक अधिकारी को जनता की आवाज कुचलने का कोई अधिकार नहीं है।कार्यकर्ताओं से भ्रस्टाचार की शिकायत भी मिली है।

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