
जिन पर जिम्मेदारी.. वही टीके के बगैर! हेल्थ वर्कर्स की लापरवाही… पड़ेगी भारी, कैसे जीतेंगे कोरोना से जंग?
रायपुरः कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की वजह से देश में एक बार फिर संक्रमित मरीजों की संख्या दोगुनी रफ्तार से बढ़ रहा है। खतरे को देखते हुए केंद्र से लेकर राज्य सरकारें अलर्ट मोड पर है। छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार भी इससे निपटने तमाम कवायद कर रही है। सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि 100 फीसदी पहले डोज से प्रदेश सिर्फ 1 कदम दूर है। प्रिकॉशन डोज भी लगाया जा रहा है लेकिन प्रदेश में 45 हजार से ज्यादा हेल्थ और फ्रंट लाइन वर्कर्स ऐसे हैं, जिन्होंने अब तक दूसरा डोज ही नहीं लगवाया है। तीसरी लहर में संक्रमित होने वालों में इनकी अच्छी खासी तादात है। इनकी लापरवाही का नतीजा ये है कि तीसरी डोज की रफ्तार बेहद धीमी पड़ने लगी है। ऐसे में सवाल है कि हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्कर्स जिन्हें कोरोना होने का सबसे ज्यादा रिस्क है। उन्होंने अब तक सेकंड डोज क्यों नहीं लगवाई?
कोरोना की तीसरी लहर के खतरे के मद्देनजर पूरे देश में 10 जनवरी से लोगों को प्रिकॉशन डोज़ लगाया जा रहा है। ऐसे स्वास्थ कर्मी, फ्रंटलाइन वर्कर और 60 साल से अधिक उम्र के गंभीर बीमारी वाले लोगों को लगाया जा रहा है जिन्हें सेकंड डोज लगे 6 महीने पूरे हो चुके हैं। एक्सपर्ट भी बता रहे हैं कि प्रिकॉशन डोज लगने के बाद लोगों के संक्रमित होने और गंभीर बीमार होने का खतरा बहुत कम हो जाएगा लेकिन छत्तीसगढ़ में कहानी कुछ और ही सामने आ रही है। प्रिकॉशन डोज तो दूर बड़ी संख्या में लोगों ने दूसरा डोज भी नहीं लगवाया है। इसे लेकर चिंता इसलिए भी जायज है क्योंकि इस लिस्ट में 45 हजार से ज्यादा हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल हैं। जिनके पास कोरोना के खिलाफ जारी जंग में अहम जिम्मेदारी है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 20 हजार 383 स्वास्थ्य कर्मियों ने और 15 हजार 324 राजस्व, निगम और पुलिस विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को दूसरा टीका नहीं लगा है। हालांकि इसके पीछे बार बार संक्रमित होने का तर्क दिया जा रहा। दरअसल नियम कहता है कि संक्रमित होने के बाद 3 महीने तक कोई वैक्सीन नहीं लगवा सकता लेकिन आंकड़ों पर गौर करें तो बीते 5 दिनों में 39 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है। इसमें से 40 प्रतिशत ने वैक्सीन नहीं लगवाई थी। लिहाजा स्वास्थ्य विभाग ऐसे लोगों से वैक्सीन लगवाने की अपील कर रहा है।
ऐसे में जब कोरोना की तीसरी लहर की पीक आने वाली है। प्रदेश में रोजाना 5 हजार से ज्यादा संक्रमित मरीज मिलने लगे है और आंकड़े बता रहे हैं कि कोरोना काल मे प्रदेश ने अब तक 13 हजार 613 लोगों को खोया है। जिसमे 1 हजार से अधिक डॉक्टर और नर्स भी शामिल हैं। ऐसे में सवाल जरूर उठ रहा है कि जिन हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन योद्धा को कोरोना से सबसे ज्यादा रिस्क है। वो टीका लगवाने में टालमटोल क्यों कर रहे हैं। अगर जिम्मेदार ही सुरक्षा कवच लगवाने में लापरवाही करेंगे तो हम कोरोना के खिलाफ जारी जंग कैसे जीतेंगे