
देश की 128 हस्तियों को पद्म सम्मान, छत्तीसगढ़ से इस साल किसी का नाम नहीं
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद ऐसा तीसरी बार हुआ है, जब प्रदेश के किसी भी व्यक्ति को पद्म पुरस्कार नहीं मिला है। छत्तीसगढ़ से वर्ष 2001, 2006 और 2022 में राज्य से भेजे गए नामों को पद्म पुरस्कारों के योग्य नहीं पाया गया। प्रदेश से दर्जनभर विभूतियों के नाम पद्म पुरस्कारों के लिए प्रस्तावित किए गए थे, लेकिन इस बार छत्तीसगढ़ की झोली खाली रह गई। भारत सरकार ने 4 पद्मविभूषण, 17 पद्मभूषण व 107 पद्मश्री पुरस्कारों यानी 128 व्यक्तियों की सूची जारी की है, जिसमें छत्तीसगढ़ से एक भी व्यक्ति शामिल नहीं है। पद्म पुरस्कारों में नाम नहीं आने से इस बार प्रदेश के लोगों में मायूसी देखी गई।
बता दें कि पद्म पुरस्कारों के लिए ऐसे व्यक्ति जिन्होंने किसी क्षेत्र में विशेष योगदान दिया है या फिर उल्लेखनीय कार्यों का विवरण देते हुए आवेदन करना होता है। इन पुरस्कारों के माध्यम से उत्कृष्ठ कार्य को मान्यता प्रदान की जाती है। कला, साहित्य, शिक्षा, चिकित्सा, खेल, सामाजिक कार्य, विज्ञान, इंजीनियरिंग, सार्वजनिक मामलों, नागरिक सेवा, व्यापार और उद्योग आदि क्षेत्रों में विशेष और असाधारण उपलब्धियों के लिए यह पुरस्कार भारत सरकार द्वारा दिया जाता है। छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध पंडवानी गायिका तीजन बाई ही एकमात्र ऐसी शख्सियत हैं जो पद्म विभूषण, पद्म भूषण व पद्मश्री से सम्मानित हो चुकी हैं।
छत्तीसगढ़ के चार लोगों को अन्य राज्यों से पुरस्कार मिले
छत्तीसगढ़ के ऐसे व्यक्तियों जिन्होंने अपने क्षेत्र में विशेष योगदान दिया, उन्हें राज्य के बजाय दूसरे राज्यों की अनुशंसा से भी पद्म पुरस्कार दिया गया। इनमें वर्ष 2001 में हबीब तनवीर को मध्य प्रदेश राज्य के कोटे से मिला। 2011 में सत्यदेव दुबे और 2015 में शेखर सेन को महाराष्ट्र के कोटे से पद्म पुरस्कार मिला। वहीं 2019 में बुद्धादित्य को पश्चिम बंगाल कोटे से पद्म पुरस्कार मिला है।
2005, 2012 और 2018 में दो-दो व्यक्तियों को पुरस्कार
छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद राज्य के विशेष योग्यता रखने वाले विभिन्न व्यक्तियों को पद्म पुरस्कार मिले। इनमें वर्ष 2001 से 2021 तक एक-एक व्यक्ति को पुरस्कार दिया गया, जिन्होंने अपने क्षेत्र में विशेष योगदान दिया है। वहीं राज्य से वर्ष 2005, 2012 और 2018 में दो-दो व्यक्तियों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इस बार छत्तीसगढ़ की झोली में एक भी पद्म पुरस्कार नहीं आए हैं।