वन रक्षकों का छः माह का प्रशिक्षण हुआ सम्पन्न….. वन रक्षक प्रशिक्षण शाला में 31 जनवरी को हुआ दीक्षांत समारोह सम्पन्न

18 नए वन रक्षक प्रशिक्षण प्राप्त कर प्रशिक्षित हुए

सक्ती। वन रक्षक प्रशिक्षण शाला सक्ती में 61 वां दीक्षांत समारोह का आयोजन 31 जनवरी को किया गया। उक्त कार्यक्रम मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर नवीद सुजाउद्दीन के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। वहीं प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं द्वारा कैरम, चेस क्रिकेट जैसे खेलों में भी हिस्सा लिया गया।
भारतीय परंपरा के अनुसार मुख्य अतिथि नवीद सुजाउद्दीन और कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डीएफओ रायगढ़ प्रणय मिश्रा ने मां सरसस्वती के चित्र के सामने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया वहीं वन रक्षकों द्वारा मां सरस्वती की वंदना की गई। दीप प्र्रज्जवलन पश्चात वन रक्षकों द्वारा राजगीय गीत के साथ कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए अपने नवीद सुजाउद्दीन ने अपने मुख्य अतिथ्यि उद्बोधन में काह कि सबसे पहले प्रशिक्षण ले रहे सभी वनरक्षकों को बधाई देता हूं, और सभी को बताना चाहता हूं कि आस से पहले आ सभी लोगों को अप्रशिक्षित कहा जाता था मगर अब आप लोगों को प्रशिक्षित कहा जाएगा, यह आप लागों के बहुत बढ़ा इमेज है आज से आ लागों को एक प्रशिक्षित वन रक्षक माना जाएगा। यह जो छः माह का आप लोगों का प्रशिक्षण अपन लागों की जिन्दगी का क अहम हिस्सा होगा। आप लागों ने प्रशिक्षण के दौरान बढ़ चढ़ कर खेल कूद में भी हिस्सा लिया। वर्दी मे तो आप लोग बहुत स्मार्ट लग रहे हो मैं यही चाहूंगा कि आप लोग आगे भी ऐसे ही स्लीम ट्रीम बने रहे, और रिटायरमेंट तक आप लोग ऐसे ही अपने शरीर को मेंटेंन रखें। श्री सुजाउद्दीन ने आगे कहा कि जीवन में प्रशिक्षण का बहुत महत्व होता है हमर लोगों ने भी वन सेवा में सलेक्ट होने के बाद दो साल तक प्रशिक्षण लिया है। प्रशिक्षण से हमारी व्यक्तित्व निखरता है। प्रशिक्षण दौरान हो भी छोटी मोटी तकलीफें आती है उससे आपके जीवन भर आपको लाभ पहुंचाती है। आप सभी वनरक्षकों को मैं यही कहूंगा कि आप लोग काफी पढ़े लिखे हैं और अपने ज्ञान के अनुरूप अपने कार्य को संपादित करने का प्रयास करेंगे। हर अधिकारी यही चाहे कि आप उनके साथ काम करें। श्री सुजाउद्दीन ने आगे कहा कि ट्रेनिक का मुख्य मक्सद है कि आपका फील्ड का सरल हो। प्रधानमंत्री जी भी बोलते हैं कि देश को आत्म निर्भर बनना है तो उस हिसाब से आप सभी ट्रेनिंग के बाद आत्म निर्भर बन गए हैं। विभाग में आप सभी असेट्स के रूप में काम करिए, कहीं भी यह ना लगे कि आप विभाग में किसी भी तरह कार्य पर निर्भर हैं, जितना अच्छे से आप काम करेंगे उतना ही ज्यादा आप को स्वयं को सम्मान मिलेगा। वन विभाग पूरा प्लान से चलता है और आप सभी को अब विभाग के प्लान के अनुसार ही काम करना है बिना प्रशिक्षण लिए आप मैनेजमेन्ट प्लान, वर्किंग प्लान के हिसाब से और वैज्ञानिक तरीके से काम नही कर सकते हैं अब आप लोग अच्छे से काम कर सकते हैं। जब तक हम रिटायर्ड नहीं हो जाते हैं हम सीखते रहते हैं और प्रशिक्षण उपरांत काम काफी आसान हो जाता है। हमारे प्रदेश में 44 प्रतिशत क्षेत्र वन क्षेत्र है। इसलिए वन विभाग की महत्ता बहुत होती है। फील्ड में विभाग के कार्य का क्रियान्वयन वन रक्षकों को ही करना होता है। वन रक्षक विभाग का सबसे बड़ा जिम्मेदार पद होता है। आप सभी को अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए इसका क्रियान्वयन करना है। और अच्छे से अपने कर्तव्यों को निभाना है। आप लोगों को विभाग पर बोझ नही बल्कि विभाग का असेट्स बनना है।
कर्यक्रम की अगली कड़ी में अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में रायगढ़ डीएफओ प्रणय मिश्रा ने कहा कि सभी प्रशिक्षण प्राप्त लोगों को बहुत बहुत बधाई, अगस्त से लेकर आज तक जो भी आप लोगों ने पढ़ा और सीखा है अब आप लोगों को उसे फील्ड में दिखाना है। हम मालिक नहीं हैं हमव न और जंगल के रक्षक हैं। श्री मिश्रा ने आगे कहा कि हमारा भी एक मानवीय सीमा होती है और वन रक्षक का काम काफी महत्वपूर्ण होता है और ग्रामीणों के साथ मिलकर काम करना होता है हम सभी में व्यवहारगत बहुत कमियां होती है लेकिन फील्ड में हमें अपने व्यवहार को भी सुदृृढ़ करना होता है। सरकारी दायित्वों के निर्वहन में कभी कभी बाधा भी आती है अब आगे व्यवहारिक रूप से काम करना है और लोगों के साथ करना है और वन की रक्षा भी करनी है। हमेशा जीवन में बदलाव होता है और अपने शिक्षा के बैकग्राउंड को कभी भूलिएगा नहीं। विभाग को आप लोग कुछ ना कुछ देकर जाइएगा। पूरे देश में छत्तीसगढ़ वन विभाग को बहुत अच्छा माना जाता है और अन्य प्रदेश के वन विभाग भी हमारे प्रदेश को फॉलो करते हैं। आप हमारे विभाग की पहली सीढ़ी हैं और अपने दायित्वों का अच्छे से निर्वहन करते रहेंगें यही आप सभी लोगों से मुझे आशा है। कार्यक्रम की अंतिम कड़ी में प्रशिक्षण शाला के अनुदेशक संजीत शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया। वहीं प्रशिक्षण दौरान प्रशिक्षु वन रक्षकों के बीच हुए हुए खेल कूद प्रतियोगिता का प्रमाणपत्र एवं मोमेंटों का वितरण मुख्य अतिथि व कार्यक्रम के अध्यक्ष द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से जितेन्द्र कुमार कंवर प्रभारी रेंजर सक्ती उपस्थित थे।

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