
राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना की मदद से महिलाएं आत्मनिर्भर बनी हैं। राजनांदगांव में स्वच्छता समूह की महिलाएं गोबर से ऑर्गेनिक धूप और मच्छर अगरबत्ती तैयार कर रही हैं।
इतना ही नहीं धूप-अगरबत्ती के अलावा महिलाएं दीया, वर्मी कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट, गोबर की लकड़ी, कंडा और गोबर का गमला भी बनाती हैं, जिससे समूह की सैकड़ों महिलाओं को ना सिर्फ रोजगार मिला है, बल्कि वे सशक्त भी बन रही हैं।
खास बात ये है कि इन सामानों को बेचने के लिए उन्हें बाजार के चक्कर भी नहीं लगाने पड़ते हैं। नगर निगम के माध्यम से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए इसे बेचा जा रहा है। इसके अलावा SLRM सेंटर पर भी लोग इसे खरीदने पहुंचते हैं।
महिलाओं का कहना है कि पहले वे कचरा इकट्ठा करने का काम करती थी। लेकिन अब साथ में गोबर से सामान बनाना भी शुरू किया है, जिससे उन्हें ज्यादा आमदनी हो रही है। नगर निगम आयुक्त ने बताया कि आने वाले समय में और बेहतर उत्पाद तैयार करने की योजना बनाई गई है।