
खैरागढ़ उपचुनाव…टिकट पर घमासान! जीत तय करने भाजपा-कांग्रेस ने शुरू की तैयारी
रायपुर:छत्तीसगढ़ की खैरागढ़ विधानसभा में 12 अप्रैल को उपचुनाव होना है। खैरागढ़ सीट JCCJ विधायक देवव्रत सिंह के निधन के बाद खाली हुई। उपचुनाव की तरीखों के ऐलान के बाद से ही खैरागढ़ में सियासी चहलकदमी तेज हो चुकी है। बीजेपी-कांग्रेस में प्रत्याशी चयन और तैयारियों को लेकर मंथन का दौर जारी है। मंगलवार को कांग्रेस चुनाव समिति की अहम बैठक में संभावित दावेदारों के नामों पर मंथन से इसकी शुरूआत हुई। वहीं बीजेपी ने चार वरिष्ठ नेताओं की एक पर्यवेक्षक समिति बनाई जो पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर प्रत्याशियों के नाम आलाकमान को भेजेंगे। लेकिन इस सबके इतर चर्चा दिवंगत विधायक देवव्रत सिंह की पत्नियों को लेकर अधिक हो रही है।
छत्तीसगढ़ में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सरकार बनने के बाद बीते 3 सालों में दंतेवाड़ा, चित्रकोट और मरवाही विधानसभा उप चुनाव हुए। इन तीनों सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई और विधासभा में कांग्रेसी विधायकों की संख्या 70 तक पहुंच गई। अब इस संख्या को 71 करने के लिए कांग्रेस संगठन हर मुमकिन कोशिश कर रहा है। वैसे भी खैरागढ़ विधानसभा ज्यादातर समय कांग्रेस के पास ही रही है, लिहाजा कांग्रेसी इसे अपना गढ़ मानते हुए जीत की रणनीति तैयार करने में जुटे हैं। खैरागढ़ में प्रत्याशी चयन और तैयारियों को लेकर राजीव भवन में मंगलवार को कांग्रेस चुनाव समिति की अहम बैठक में संभावित दावेदारों के नामों पर मंथन से इसकी शुरूआत हो चुकी है।
इधऱ,भाजपा ने खैरागढ़ उपचुनाव में प्रत्याशी चयन के लिए चार वरिष्ठ नेताओं की एक पर्यवेक्षक समिति बना दी है, जो खैरागढ़ में पार्टी पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर नामों का पैनल बनाकर प्रदेश चुनाव समिति को भेजेगी। खैरागढ़ में 2008 से 2013 तक भाजपा के कोमल जंघेल विधायक निर्वाचित हुए थे। भाजपा का दावा है एकजुट होकर मेहनत करेंगे तो नतीजे भाजपा के पक्ष में होंगे।
खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में कुल 291 मतदान केंद्र हैं, जिसके तहत 2 लाख 11 हजार मतदाता वोट करते हैं। सीट पर कई स्थानीय मुद्दे असरकारक रहे हैं। बीते दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए करोड़ों रुपए की सौगात भी दी है, तो इधर भाजपा 15 साल सत्ता के दौरान खैरागढ़ में किए गए कामकाज और कांग्रेस सरकार की वादाखिलाफी को लेकर चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी में है। निर्णय खैरागढ़ की जनता को करना है जो 12 अप्रैल को वोट करेगी। फिलहाल तो प्रत्याशी चयन की कवाजद जारी है।