क्या बंगाल में लगेगा राष्ट्रपति शासन ? जिन्दा जलाकर 10 लोगों की हत्या पर PM मोदी का सख्त रुख

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के बीरभूम में सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के पंचायत उप-प्रधान भादू शेख की मौत के बाद भड़की हिंसा में करीब 10 लोगों की मौत और उसके बाद स्थानीय लोगों के पलायन पर राज्य की सीएम ममता बनर्जी की चारों ओर आलोचना हो रही है। इस घटना पर पीएम नरेंद्र मोदी ने दुख प्रकट किया है।

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) द्वारा किए गए ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा है कि, ‘मैं पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हुई हिंसक वारदात पर दुख व्यक्त करता हूं, अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं आशा करता हूं कि राज्य सरकार, बंगाल की महान धरती पर ऐसा जघन्य पाप करने वालों को जरूर सजा दिलवाएगी।’ इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि ‘मैं बंगाल के लोगों से भी आग्रह करूंगा कि ऐसी वारदात को अंजाम देने वालों को, ऐसे अपराधियों का हौसला बढ़ाने वालों को कभी माफ न करें।’ पीएम मोदी ने आगे लिखा कि ‘केंद्र सरकार की तरफ से मैं राज्य को इस बात के लिए आश्वस्त करता हूं कि अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दिलवाने में जो भी मदद वो चाहेगी, उसे मुहैया कराई जाएगी।’

हिंसा की चौतरफा आलोचना होने के बाद कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार (24 मार्च) को स्वत: संज्ञान लिया और केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (CSFL) को मौके से साक्ष्य के नमूने एकत्र करने और चश्मदीदों की सुरक्षा करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही मौके पर चारों ओर CCTV कैमरे लगाने के निर्देश दिए। अदालत ने राज्य सरकार को गुरुवार दोपहर 2 बजे तक मामले में रिपोर्ट दायर करने का भी निर्देश दिया है। बीरभूम हिंसा पर कलकत्ता उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान CBI ने कहा कि यदि कोर्ट आदेश देती है तो एजेंसी इसकी जाँच करने के लिए तैयार है। हिंसा में दो बच्चों के जिंदा जलने पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने बीरभूम के पुलिस अधीक्षक (SP) और राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) को नोटिस भेज जवाब मांगा है।

इस हिंसा की जाँच के लिए राज्य सरकार ने SIT गठित की है। इसमें CID एडीजी ग्यानवंत सिंह, एडीजी वेस्टर्न रेंज संजय सिंह और डीआईजी CID ऑपरेशन मीरज खालिद को शामिल किया गया है। हिंसा के मामले रामपुरहाट के में SDPO को हटा दिया गया है और कुल 23 लोगों को अरेस्ट किए जाने की बात कही जा रही है।

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