लैला मजनूं की मजार’ जहां पूरी होती है प्रेमियों की मुराद, अब प्रशासन इसे बना रही पर्यटन स्थल

जयपुर: भारत पाकिस्तान बॉर्डर पर राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के अनूपगढ़ स्थित लैला मजनू की मजार स्थित है। इस मजार को अब प्रशासन ने पर्यटन स्थल के तौर पर डेवलप करने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि इस स्थान को पर्यटन मैप में लाने की सरकार की कवायद को बीएसएफ की भी मदद मिली है। बता दें कि थानीय लोक कथाओं के मुताबिक, दोनों प्रेमियों की मौत यहीं हुई थी।

बता दें कि हर साल 14 जून को लैला मजनू की मजार पर मेला लगता है और जून के महीने में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले इस मेले में सैकड़ों लोग शामिल होते हैं, जिनमें अधिकतर प्रेमी जोड़े और नवविवाहितों की संख्‍या अधिक होती है। इस मेले के बेहतरीन आयोजन के लिए प्रशासन ने राज्‍य के टूरिज्‍म विभाग से भी चर्चा की है।

बता दें कि हर साल 14 जून को लैला मजनू की मजार पर मेला लगता है और जून के महीने में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले इस मेले में सैकड़ों लोग शामिल होते हैं, जिनमें अधिकतर प्रेमी जोड़े और नवविवाहितों की संख्‍या अधिक होती है। इस मेले के बेहतरीन आयोजन के लिए प्रशासन ने राज्‍य के टूरिज्‍म विभाग से भी चर्चा की है।

संभागीय आयुक्त के पवन ने प्रेस को बताया कि लैला मजनू यहां कई किवदंतियों में प्रचलित है। उन्होंने कहा कि हम चाहते है उसको पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाए। उन्‍होंने कहा कि पर्यटन विभाग जुड़ेगा तो लैला मजनू की मजार राजस्थान के टूरिज्‍म मैप पर आ जाएगी और यहां पर्यटक आने लगेंगे। उन्‍होंने कहा कि लैला-मजनू की मजार पर्यटन विभाग के नक्शे पर नजर आएंगे और इसके लिए संभाग स्तर पर प्रयास शुरू किए गए है।

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