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Dasvi Review: कैसी है फिल्म दसवीं……..

फिल्म – दसवीं
कास्ट – अभिषेक बच्चन, यामी गौतम, निम्रत कौर और दानिश हुसैन
निर्देशन – तुषार जलोटा
कहां देख सकते हैं – नेटफ्लिक्स पर
रेटिंग – 3

क्या है फिल्म की कहानी?- फिल्म की कहानी गंगा राम चौधरी (अभिषेक बच्चन) नामक एक आदमी के इर्द गिर्द घूमती है, जो एक शक्तिशाली राजनेता है और खुद को बहुत स्मार्ट समझता है. वहीं एजुकेशन स्केम के चलते उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाता है. ऐसे में जेल जाते समय भी उसकी अकड़ कम नहीं होती और वह कहता है- ये चौधरियों की पगड़ी है, झुकती को नी…वहीं उसके बाद गंगा राम मुख्यमंत्री होता है और जेल जाने के बाद वह अपनी मुख्यमंत्री की गद्दी पर अपनी पत्नी बिमलादेवी (निम्रत कौर) को बिठा जाता है. यह सब होने के बाद जेल में गंगा राम का सामना पुलिस अधीक्षक ज्योति देसवाल (यामी गौतम) से होता है. गंगा राम चौधरी की अकड़, सनक और कल्पनाओं के आगे ज्योति झुकने को तैयार नहीं होती. इस दौरान चौधरी एक शक्तिशाली राजनेता बनकर उभरता है, लेकिन ज्योति उससे डरती नहीं है. इसके बाद दोनों के बीच मामला ज्यादा उस समय बिगड़ जाता है जब गुस्से में ज्योति, चौधरी को अनपढ़ गवार कह देती है. ऐसा होने से गंगा राम चौधरी भड़क जाता है और अपने अपमान का बदला लेने के लिए चौधरी, ज्योति को चुनौती देता है कि वह दसवीं कक्षा की परीक्षा में पास होकर दिखाएगा. उसके बा जैसे-जैसे समय बीतता है वह खुद को शिक्षा की दुनिया में खोया हुआ पाता है. देखते ही देखते समय आगे बढ़ जाता है. वहीं, दूसरी ओर सत्ता की लालसा से प्रेरित गंगा राम चौधरी की पत्नी बिमलादेवी अपने पति को फिर से अपना पद पाने से रोकने के लिए राजनीति के गुर सीखने लगती हैं. ऐसे में अब फिल्म देखने पर पता चल पाएगा कि क्या गंगा राम चौधरी दसवीं की परीक्षा पास कर पाता है और क्या वह वापस मुख्यमंत्री का पद पाने में कामयाब होगा?

रिव्यू- फिल्म का पहला हाफ अच्छा है हालाँकि दूसरे हाफ में फिल्म थोड़ी बोरिंग हो जाती है. आपको बता दें कि इस फिल्म से अपने निर्देशन की शुरुआत करने वाले तुषार थोड़े कमजोर साबित हुए हैं. जी हाँ और उनकी ये फिल्म कहां से शुरू होती है और कहां पर खत्म, सब समझ नहीं आता. फिल्म की कहानी थोड़ी बिखरी हुई सी है. ऐसा कहा जा सकता है फिल्म की कहानी को अच्छे से पेश नहीं किया गया. हालाँकि इस फिल्म का सबसे बड़ा जो प्लस पॉइंट है, वो इसका कंटेंट है. फिल्म शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालती है. फिल्म के एक सीन में गंगा राम ‘आंख’ और ‘दृष्टि’ व ‘दिमाग’ और ‘सोच’ के बीच के अंतर के बारे में बात करता है. जी हाँ और वह बताता है कि कैसे शिक्षा आपको इन चीजों के बीच अंतर करने में मदद करती है. अगर अभिनय के बारे में बात करें तो अभिषेक बच्चन ने जी जान लगा दी लेकिन फिल्म में अभिषेक का प्रदर्शन कुछ खास प्रभावशाली नहीं दिखाई पड़ा. वहीं निम्रत कौर देसी लुक में जमी नहीं. हालाँकि यामी गौतम का अंदाज बेहतरीन रहा और वह एक टफ पुलिस अधिकारी की भूमिका में बेहतरीन लगी.

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