आत्मदाह करने पेट्रोल लेकर SP ऑफिस पहुंचा किसान….पढ़िये पूरी खबर

बिलासपुर के एसपी दफ्तर में शुक्रवार दोपहर उस समय हड़कंप मच गया, जब एक किसान पेट्रोल लेकर आत्मदाह करने पहुंच गया। हालांकि, मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने पेट्रोल डालने और आत्मदाह करने के पहले ही उसे पकड़ लिया। दरअसल, किसान ने कोतवाली क्षेत्र के सरजू बगीचा में जमीन खरीदने के लिए सौदा किया था और 11 लाख रुपए भी दे दिए। लेकिन, न तो उसे जमीन मिली और न ही रुपए वापस मिले। इससे वह परेशान है। उसका आरोप है कि उसकी शिकायत पर पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। मामला सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र का है।

जानकारी के अनुसार कोतवाली थाना क्षेत्र नारियल कोठी निवासी महेंद्र कश्यप (42 साल) पहले वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन में काम करता था। तब 2018 में उसकी पहचान तोरवा के देवरीखुर्द निवासी मेडिकल दवा व्यवसायी सुनील रामचंदानी से उसकी पहचान हुई थी। महेंद्र को जमीन चाहिए थी तो उसने सुनील से संपर्क किया।

सुनील ने उसे बताया कि रायपुर में रहने वाले बिल्डर्स ने सरजू बगीचा के पास जमीन खरीदी है, जिसे वह बेच रहा है। उसके कहने पर उसने 11 लाख में जमीन का सौदा किया था। उनके बीच जमीन का एग्रीमेंट भी हुआ था और महेंद्र ने रुपए का भुगतान भी कर दिया। लेकिन, रुपए देने के बाद भी उसे जमीन नहीं मिली और न ही रुपए वापस किया गया।

आरोप है कि सुनील उसे रुपए वापस करने के लिए घूमा रहा है। छह माह पहले उसने परेशान होकर कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई लेकिन, पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। लिहाजा, कार्रवाई नहीं होने पर SP को ज्ञापन सौंपकर आत्मदाह करने की चेतावनी भी दी थी।

कोरोना काल में जमीन मालिक की हो चुकी है मौत, इसलिए नहीं हो पाई रजिस्ट्री
इधर, पुलिस ने मामले की जांच की और सुनील रामचंदानी से पूछताछ की, तब पता चला कि वह जमीन खरीद-बिक्री के इस विवाद में मीडिएटर था। उसका रुपए लेनदेन से कोई मतलब नहीं है। उसने पुलिस को बताया कि जिससे रायपुर के तेलीबांधा निवासी राजवीर राणा ने जमीन मालिक रामवती पति लक्ष्मी प्रसाद से पावर ऑफ अटार्नी लिया था, उस जमीन मालिक और राजवीर राणा की कोरोना काल में मौत हो चुकी है। राजवीर राणा ने महेंद्र कश्यप को चेक भी दिया था, जो उसकी मौत के बाद बाउंस हो गया है। इसके चलते तकनीकी दिक्कत आ गई है और पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है।

एडिशनल SP बोले- आपसी लेनदेन का है विवाद
एडिशनल SP उमेश कश्यप ने बताया कि महेंद्र कश्यप की शिकायत पर जांच की गई। जांच में पता चला कि उसके पास रुपए देने के संबंध में कोई दस्तावेज नहीं है। जिससे उसने जमीन खरीदने के लिए एग्रीमेंट किया है, वह दस्तावेज भी नहीं है। इसके चलते आपसी लेनदेन के इस विवाद में कार्रवाई नहीं की गई है और उसे कोर्ट जाने की सलाह दी गई है। पीड़ित को समझाइश दी गई है और पुलिस उसकी मदद के लिए भी तैयार है। समझाइश के बाद वह राजी हो गया है।

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