रायता तो फैल गया अब डैमेज कंट्रोल से क्या होगा? हेराल्ड केस में राहुल गांधी पर कड़ी टिप्पणी करने के मामले में चहुँओर घिरे विधायक वोरा, दिल्ली तक की गई शिकायत

नरेश सोनी/दुर्ग

दुर्ग। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ कड़ी टिप्पणी कर फँसे दुर्ग के विधायक अरूण वोरा अब डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं। कल तक राहुल गांधी को झूठा साबित करने में जुटे विधायक वोरा ने आज जन्मदिन के अवसर पर राहुल गांधी को न केवल बधाई दी, अपितु यह उम्मीद भी जाहिर की कि राहुल जल्द ही कांग्रेस अध्यक्ष का दायित्व फिर से संभालेंगे। अरूण वोरा के इस बधाई संदेश को खुद के फैलाए रायते को समेटने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

इधर, खबर है कि अरूण वोरा द्वारा कथित तौर पर राहुल गांधी के खिलाफ अपनाए गए आक्रामक तेवरों की दिल्ली तक शिकायत की गई है। यह शिकायत कांग्रेस के कुछ असंतुष्ट साथियों ने की है। हालांकि विधायक वोरा ने जो कुछ भी कहा था, वह राष्ट्रीय मीडिया में प्रमुखता से सामने आया था। बावजूद इसके अरूण वोरा स्थानीय पत्रकारों को झूठा और मनगढ़ंत समाचार प्रकाशित करने की दुहाई देते रहे। गौरतलब है कि नेशनल हेराल्ड मनी लॉंड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) राहुल गांधी से पूछताछ कर रहा है। इसी पूछताछ के दौरान राहुल गांधी ने अधिकारियों से कहा था कि हेराल्ड से जुड़े सभी तरह के वित्तीय लेन-देन मोतीलाल वोरा करते थे। इससे पहले कांग्रेस के दो अन्य नेताओं पवन बंसल और मल्लिकार्जुन खडग़े ने भी ईडी के समक्ष ऐसा ही बयान दिया था। कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे स्व. मोतीलाल वोरा के पुत्र अरूण वोरा को यह कथन नागवार गुजरा था और उन्होंने राष्ट्रीय मीडिया के समक्ष नाराजगी भरे लहजे में कहा था कि राहुल गांधी द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार है और इनमें कोई सच्चाई नहीं है। विधायक वोरा का कहना था कि राहुल गांधी को मेरे दिवंगत पिता पर इस तरह के आरोप नहीं लगाने चाहिए।

बताते हैं कि कांग्रेस के एक खेमे ने विधायक वोरा की इस टिप्पणी को बेहद गम्भीरता से लेते हुए इसकी दिल्ली तक शिकायत कर दी है। इस शिकायत की दिल्ली से प्रतिक्रिया भी आने की खबर है। शायद यही वजह है कि विधायक अरूण वोरा को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया। व्हाट्सएप के जरिए बाकायदा राहुल गांधी को जन्मदिन की बधाई देते संदेश प्रसारित किए गए तो मीडिया में जन्मदिन की बधाई देने वाले समाचार भी प्रसारित करवाए गए। लेकिन डैमेज कंट्रोल की इन कोशिशों की पीछे की कहानी कुछ और ही है।

हार का खतरा और टिकट कटने की आशंका

जानकारियों के मुताबिक, प्रदेश सरकार ने हाल ही में विधायकों के परफारमेंस को लेकर एक सर्वे करवाया था। बताते हैं कि इस सर्वे की रिपोर्ट में प्रदेश में कांग्रेस के ७० में से ३५ विधायकों की स्थिति खराब पाई गई। दुर्ग में कांग्रेस के विधायक अरूण वोरा की जीत की संभावना भी बेहद कम आंकी गई। सूत्रों के मुताबिक, इस रिपोर्ट को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधायक अरूण वोरा से दो टूक कह दिया था कि वे अपनी परफारमेंस सुधार लें, अन्यथा कुछ भी हो सकता है। इसी के बाद दुर्ग शहर में आनन-फानन में उद्घाटन और लोकार्पण की बाढ़ आ गई। बड़े पैमाने पर विकास के कार्य करवाने शुरू किए गए। हालांकि इन कार्यों की गुणवत्ता को लेकर उंगलियां भी उठ रही है और छवि सुधरने की बजाए और ज्यादा खराब हो रही है। इस पर राहुल गांधी के खिलाफ टिप्पणी कर विधायक वोरा बुरी तरह फंस गए हैं। अब तक उन्हें हार का खतरा सता रहा था, किन्तु अब वे इस आशंका-कुशंका में जी रहेहैं कि टिकट ही नहीं मिलेगी तो क्या होगा?

बेहद परेशान हैं विधायक वोरा

कांग्रेस के सूत्रों का दावा है कि विधायक वोरा इन दिनों बेहद परेशान हैं। पिछले दो चुनाव उन्होंने विरोधी दल के भीतरघात और फिर कमजोर प्रत्याशी की वजह से जीते लेकिन इस बार हालात जुदा हैं। माना जा रहा है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में उन्हें कड़ी टक्कर मिलेगी। यह उनकी परेशानी की पहली वजह है। दूसरी वजह यह है कि दुर्ग क्षेत्र में विधायक वोरा की छवि सक्रियता के नाम पर सिर्फ दौरा करने वाले नेता की बनकर रह गई है। सक्रियता दिखाने के नाम पर अफसरों को फटकार लगाना, निर्देश देना और फिर सब कुछ भूल जाने की फितरत उनके खुद के लिए परेशानी पैदा कर रही है। तीसरी वजह छवि सुधारने में आ रही नाकामी है, जिसके कारण वे स्वयं की बातों पर नियंत्रण नहीं रख पाते। हालिया घटनाक्रम में उन्होंने अपने शीर्षस्थ नेता राहुल गांधी पर इस तरह का बयान दिया, मानों राहुल गांधी नगर निगम के कोई छुटभैय्ये नेता हों। विधायक वोरा की परेशानी की सबसे बड़ी वजह भाजपा नेत्री सरोज पाण्डेय के दुर्ग से चुनाव लडऩे की संभावना है।

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