आंगनबाड़ी के बच्चे हो रहे शिक्षा से वंचित,

पखांजूर से बिप्लब कुण्डू–11.7.22
शिक्षा के खोखले दावे,आंगनबाड़ी के बच्चे हो रहे शिक्षा से वंचित,नए शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद एक दिन भी नही गई आंगनबाड़ी केंद्र में–
पखांजूर–
जहां एक ओर छत्तीसगढ़ राज्य सरकार शिक्षा को लेकर वाह वाही बटोर रही वहीं एक ओर नैनिहालो के साथ हो रही खिलवाड़,शिक्षा से वंचित।
घटना है आंगनबाड़ी केंद्र पीव्ही 127 अनूपपुर का जहाँ के आंगनबाड़ी केंद्र के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रंजीता सरकार नये सत्र शुरू होने के बाद आज एक महीना होने को चल रहा है एक दिन भी नही गई।आंगनबाड़ी पीव्ही 127 में करीबन 20 बच्चे उस आंगनबाड़ी केंद्र जाते है सभी बच्चे के भविष्य अंधकारमय है पालक चिंतित है कि बच्चो को शिक्षित करना है तो जाऊ कहा।रोजना बच्चो केंद्र में जाते है बिना पढ़े लिखे घर वापस आ जाते है।ग्रामीणों का कहना है कि इस मेडम कार्यकर्ता को लेकर गांव में अनेको बार बैठक किया गया है मैडम को बहुत छूट/ माफ/ समझाइस दिया गया पर मैडम सुधरी नही हमारे बच्चो के भविष्य को देखते हुए शासन प्रशासन से मांग है कि उक्त कार्यकर्ता को हटाकर दूसरा कोई कार्यकर्ता को रखा जाय जिससे कि हमारे बच्चो का भविष्य सुधार सके।
कार्यकर्ता रंजीता सरकार द्वारा आंगनबाड़ी के चावल,और बच्चो को पोस्टिक खाद्य के कुछ कुछ सामान घर पर ही रखा जाता है जो कि नियम विरुद्ध है।कार्यकर्ता को जहाँ आंगनबाड़ी केंद्र में पदस्त है वही रहना चाहिए जो कि वह न रहकर 8 किलोमीटर दूर मुख्यालय पखांजूर में रहती है।मैडम से पूछने पर मैडम का जवाब ये है कि मुझे गाड़ी चलाना नही आता कौन मुझे छोड़ेगा मेरे पति 15-20 दिन से बाहर गया था और साथ मे बच्चे का तबियत खराब है इस कारण नही जा पाई,और मैं इस नॉकरी को छोड़ना चाहती हु नही करूंगी आंगनबाड़ी में काम शासन के नियमो को दरकिनार कर अपने परेशानी के कारण बच्चो के भविष्य को दांव पर लगा रही है ये आंगनबाड़ी कार्यकर्ता।गांव के सरपंच/सचिव के लाखों समझने के बाद भी कोई सुधार नही आया इस कार्यकर्ता को अब परेशान होकर बच्चो के पालक अन्य कार्यकर्ता के मांग कर रहे है माह बीत जाने के बाद भी कार्यकर्ता रंजीता सरकार का कोई चिन्ता बच्चो के प्रति नही दिखाई दे रही है।
गांव के मितानिन साधना मंडल,वार्ड पंच नीलिमा राय,अनिमेष मंडल ग्रामीण,दीपा पोटाई सहायक शिक्षिका आदि सबका कहना है कि इस प्रकार के कार्यकर्ता हमारे गांव के आंगनबाड़ी में नही चाहिए हमे अन्य कार्यकर्ता दिया जाय जिससे कि बच्चे को शिक्षा से वंचित न होना पड़े।