चिरपोटा से कोहरौद मार्ग बना जी का जंजाल

कदम-कदम पर खतरनाक जानलेवा गढ्ढे, पैदल चलना भी हो रहा मुश्किल
बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
हर गांव हर कस्बे के लोगो तक सड़क पानी और बिजली पहुंचाने का सरकार दावा करती है। लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही देखने को मिलती है। मुण्डा से महज एक किमी की दूरी पर चिरपोटा पुलिया आता है जँहा से कोहरौद तक जाने वाली मार्ग काफी जर्जर हो चूका है। यदि आप भी चिरपोेटा से कोहरौद मार्ग पर जा रहे है तो जरा संभल जाइए… इस सड़क पर डामर पूरी तरह गायब हो गया है।खतरनाक गढ्ढे निर्मित हो गए है बरसात के दिनों में उक्त गड्ढे में 2 से 3 फीट भरा हुआ है जिस पर चलना या सफर करना जानलेवा साबित हो सकता है। संभलकर ही चलना पड़ेगा जरा सी चूक जानलेवा साबित हो सकती है।
गौरतलब हो कि चिरपोटा सेे कोहरौद मार्ग की दूरी 6 किमी है । इस सड़क को 2010 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाया गया था। इस सड़क को बने 11 वर्षों से भी ज्यादा हो चूका है। इस सड़क मेें इतने गढ्ढे हो चूके है कि किसी भी गाड़ी का संतुलन बिगड़ सकता है और बड़ा हादसा हो सकता है। इस मार्ग की स्थिति यह है कि गाड़ी से चलना तो दूर पैदल चल पाना भी मुश्किल है। उक्त सड़क मार्ग पर कई जानलेवा हादसे भी चूके है। अभी वर्तमान में बरसात का मौसम चल रहा है। सड़क के गढ्ढो में पानी भर चुका है। गढ्ढो में पानी भर जाने की वजह से गड्ढे का पता नहीं चल पाता है, इसलिए यह हादसे हो रहे है।
इस सड़क मार्ग के लिए प्रशासकीय स्वीकृति तीन करोड़ रूपये से भी अधिक की हो चूकी है। लेकिन टेंडर जारी होने के बाद कार्य निरस्त हो जा रहा है। ऐसा नहीं है कि टेंडर एक ही बार निरस्त हुआ है, इसका टेंडर 9 बार तक निरस्त हो चूका है। सड़क निर्माण की स्वीकृति होने के बावजूद अंचल के लोगों को जर्जर मार्ग से होकर आना-जाना करना पड़ रहा है। चिरपोेटा से कोहरौद की दूरी महज 6 किमी की होगी लेकिन रोड की जर्जर अवस्था होने की वजह से पौन घण्टे तक का समय लग जाता है। 2-3 फीट तक गहरे गढ्ढे होने की वजह से वाहन  फंस जाते है। जिसकी वजह से स्थानीय राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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