जिले में प्रभारी तो प्रदेश में विभागीय मंत्री कर सकेंगे स्थानांतरण, नई ट्रांसफर नीति जल्द होगी लागू

रायपुर : छत्तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारियों के स्थानांतरण पर तीन वर्ष से लगी रोक जल्द ही हट सकती है। स्थानांतरण नीति 2022 बनाने के लिए गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने इसका प्रारूप तैयार करके मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सौंप दिया है। इसे मंजूरी मिलते ही स्थानांतरण के लिए आवेदन लिए जाएंगे।

मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने मुख्यमंत्री को सौंपी रिपोर्ट

सूत्रों के अनुसार पुरानी नीतियों के आधार पर ही इस बार भी नई स्थानांतरण नीति बनाई गई है। इसमें जिलों के भीतर स्थानांतरण प्रभारी मंत्री और विभागीय स्थानांतरण आदेश विभागीय मंत्री के अनुमोदन से ही जारी किए जाएंगे। अनुसूचित क्षेत्रों से स्थानांतरित अफसर और कर्मी तभी भारमुक्त किए जाएंगे, जब उनके स्थान पर भेजे गए अफसर या कर्मचारी पदभार ग्रहण कर लें। स्थानांतरण की प्रक्रिया 15 सितंबर तक पूरा करने के लिए समिति ने अनुशंसा की है।

समिति ने दूसरी बैठक में भी प्रारूप किया तैयार

बता दें कि 14 जुलाई को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में स्थानांतरण नीति बनाने के लिए मंत्रिमंडलीय उपसमिति के गठन का फैसला किया गया था। यह उपसमिति गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू की अध्यक्षता में बनाई गई है। इसमें मंत्री मोहम्मद अकबर, डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम, डा. शिवकुमार डहरिया और अनिला भेड़िया सदस्य हैं। समिति की पहली बैठक 20 जुलाई को आयोजित की गई थी। इसमें विभागीय अधिकारियों से पुरानी स्थानांतरण नीति की जानकारी मांगी गई थी।

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