
धान में निकलने लगी बाली, बारिश ने बढ़ाई किसानों की परेशानी
बेमौसम बारिश ने बढ़ाई किसानों की परेशानी
बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
इस वर्ष अच्छी बारिश से किसानों को अच्छी फसल की उम्मीद थी। क्योकि इस वर्ष किसानों के उम्मीदों के मुताबिक बारिश होने के कारण खेतो में लगी हुई फसल लहलहाते हुए उनके चेहरों पर मुस्कान लाने में कसर नहीं छोड़ रही थी। लेकिन शायद इस वर्ष भी प्रकृति को कुछ और ही मंजूर है, लगातार पिछले तीन-चार दिनों से हो रही बारिश की वजह से खेतों में पड़ी धान की फसल लेट रही है। खेतों में पानी भरने की वजह से तैयार होकर खड़ी फसल नुकसान होने की संभावना बढ़ गई है। कोरदा के किसान मृत्युजंय वर्मा ने बताया कि धान की फसल को काटने के लिए जमीन का सुखना भी जरूरी है। यदि इसी तरह बारिश का असर रहा तो धान काटने के लिए लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है। साथ ही बारिश की वजह से ही किट पतंगो का भी प्रकोप खेतो में बढ़ते क्रम पर है। खेतों में लिए धान की सफल को बीमारी से बचाने के लिए कीटनाशक का छिड़काव किसानों के द्वारा किया जा रहा है, लेकिन समय-समय पर हो रही बारिश ने दवाई के छिड़काव को बेअसर कर दिया है।
वहीं, इस बार समय पर हुए अच्छी बारिश से खेतों में धान की फसल लहलहा रही है। कई इलाकों में धान में अब बाली निकलने लगी है। कई खेत में 60 से 70 फीसद तक बाली बाहर निकल गई है। अब इसमें कुछ समय के बाद दाना भरेगा। ऐसे वक्त में धान को साफ मौसम की आवश्यकता होती है। ताकि धान में ओस की बूंदें भरकर चावल का दाना बन सके, लेकिन फिर हर दिन बारिश हो जाने से किसानों का डर बढ़ने लगा है। बारिश में धान का फसल प्रभावित होगा और उसका फूल बारिश में बह जाएगा। इससे धान का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हो सकता है।
कोरदा के ही किसान जोगेंद्र वर्मा ने बताया कि अब तक धान को मौसम का ऐसा साथ कभी नहीं मिला था। समय पर बारिश से पहले धान की रोपाई हुई। इसके बाद भी लगातार बारिश से धान का साथ मिलता रहा। खेतों में कोई बीमारी भी नहीं दिख रही है। इससे बढि़या धान उन लोगों ने आज तक नहीं उपजाया था। लेकिन जिन किसानों ने पहले ही धान की बुवाई, धान रोप दिया था, उसमें अब बाली निकल रही है। इससे धान में दाना के बदले बदरा की संभावना बढ़ जाएगी। वहीं, बारीश की वज़ह से भी कीट प्रकोप बढ़ने की संभावना है। अगर मौसम साफ रहा तो रिकार्ड धान उत्पादन को कोई रोक नहीं सकेगा।