लवन-सरखोर रोड की हालत खराब, बन गए है जगह जगह जानलेवा गढ्ढे 

बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
लवन से सरखोर मार्ग की दूरी 6.15 किमी है। इस रोड को करीब ढाई साल पहले ही भाटापारा के ठेकेदार प्रमोद कंस्ट्रक्शन के द्वारा बनाई गई थी। इस रोड के लिए 125.05 लाख स्वीकृति मिली थी। इस सड़क को गुणवत्ता युक्त नहीं बनाने की वजह से सड़क पर जगह-जगह जानलेवा गड्ढे बन गए है। रोड का डामर उखड़कर गड्ढो में तब्दील हो रहा है जो कि दुर्घटना को दावत देने के कगार पर पहुंच गए है। समय रहते इनकी मरम्मत नहीं कराई गई तो समस्या और अधिक विकराल हो सकती है। वाहन चालक गड्ढों की वजह से नियंत्रण खोकर दुर्घटना का शिकार हो रहे है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस रोड को गुणवत्ताविहीन बनाया गया है, जगह जगह से डामर निकल गए है जो खतरनाक गढ्ढे में बदल रहे है, जिसकी वज़ह से स्थानीय राहगीरों को आने जाने में काफ़ी परेशानी उठानी पड़ रही है। गढ्ढे की वज़ह से ही लोग गिरकर चोटिल भी हो रहे है। वहीं, कम बारिश में ही इस रोड की गढ्ढों में पानी भरा हुआ है, पानी भरे होने की वज़ह से गड्ढे की गहराई पता नहीं चल पाता है और लोग गिरकर चोटिल हो रहे है। कम समय में ही यह रोड मरम्मत की कगार पर पहुंच गया है। आम लोगों को आवाजाही के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह मार्ग सरखोर, पंडरिया, जोंधरा होते हुए बिलासपुर जिले को जोड़ती है इस वजह से इस मार्ग पर दोपहिया वाहनों का आना-जाना दिन भर होता रहता है। दोपहिया वाहन चालक रात में गड्ढों को भांप नहीं पाने की वजह से गिरकर दुर्घटना का भी शिकार हो रहे है। वहीं, ठेकेदार व विभाग द्वारा 12 टन से अधिक वजनी वाहनों प्रवेश निषेध का बोर्ड तो लगाया गया है, लेकिन वाहन चालक प्रवेश निषेध बोर्ड को दरकिनार कर भारी वाहनों को चलाते है, इस वजह से भी रोड खराब हो रहे है। इसी रोड पर रोड किनारे एक व्यक्ती के द्वारा रेत को डंप कर रेत को अधिक दामों में बेचते है। इनके द्वारा गर्मी के दिनो में रेत डंपकर ओवरलोड वाहन को चलाते है, इस वजह से भी रोड की दुर्दशा हो रही है। भारी वाहनों की वज़ह से भी   लवन, सरखोर मार्ग की हालत समय से पहले दम तोड़ रही है। मार्ग में जगह-जगह पर गड्ढे बन चूके है। इस रोड का संधारण कार्य करीब डेढ़ से दो दशक बीत जाने के बाद हुआ है। उस पर भी भारी वाहनों का दबाव बढ़ने से रोड जर्जर स्थिति में निर्मित हो रही है। राहगीरों को आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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