
गांव में समाज के ठेकेदारों ने चार परिवार को गांव से बहिष्कृत करते हुए हुक्का-पानी बंद का दिए आदेश
*गांव में समाज के ठेकेदारों ने चार परिवार को गांव से बहिष्कृत करते हुए हुक्का-पानी बंद कर दिया
छुरा गरियाबंद भूपेंद्र गोस्वामी आपकी आवाज
छुरा = जिला गरियाबंद के छुरा ब्लाक अन्तर्गत ग्राम मड़ेली में राजनीतिक रंजिश के चलते गांव समाज के ठेकेदारों व प्रभावशाली लोगों के द्वारा पंचायत बैठकर चार ग्रामीण परिवारों का हुक्का-पानी बंद करने का फरमान जारी किया गया है। पीड़ित पक्ष ने मीडिया के जरिए पुलिस प्रशासन से सुरक्षा व न्याय की गुहार लगाई।
पीड़ित परिवार का आरोप है कि गांव-खत के कुछ प्रभावशाली लोगों ने उनके खिलाफ पंचायत बैठकर यह तुगलकी फरमान जारी किया। पंचायत के इस फैसले के बाद से पीड़ित परिवार सहमे एवं डरे हुए हैं। पीड़ित परिवार गांव में शान्ति व्यवस्था के चलते राजस्व पुलिस को कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। लेकिन अब लिखित शिकायत दर्ज कराने की बात कही है।
पीड़ित परिवार के अनुसार 26 अक्टूबर शाम को जब समाज के ठेकेदारों के द्वारा उकसा कर पीड़ित परिवार के घर धावा बोला तब कहीं जाकर जानकारी हुई। थाना छुरा में रिपोर्ट दर्ज के अनुसार धक्का मुक्की एवं ब्लेड वार की जानकारी दी गई।
जिसके कारण आदिवासी ध्रुव गोड़ समाज के लोग, समाज के ठेकेदार एवं प्रभावशाली लोगों ने मिलकर पीड़ित परिवार के घर जानलेवा हमला करने और दरवाजा तोड़ने का प्रयास कर प्रताड़ित किया गया। पीड़ित परिवारों के अनुसार दूसरे दिन 27अक्टूबर सुबह समाज के ठेकेदारों एवं प्रभावशाली लोगों के द्वारा जातिवाद एवं राजनीति रंजिश के चलते गांव में पंचायत बुलाई गई। बैठक में पीड़ित परिवारों को भी बुलाया गया लेकिन पीड़ित परिवार डरे- सहमें होने के कारण बैठक में शामिल नहीं हुए। गांव में प्रभावशाली एवं समाज के ठेकेदारों ने पीड़ित परिवार के उपर तुगलकी फरमान जारी कर हुक्का-पानी बंद कर दिया।
गरियाबंद जिले से महज 36 किलोमीटर दूर छुरा थाना क्षेत्र के एक गांव में समाज के ठेकेदारों ने चार परिवार को गांव से बहिष्कृत करते हुए उसका हुक्का-पानी बंद कर दिया। साथ ही गांव के लोगों को चेतावनी देते हुए चेताया गया कि इनके परिवार वालों से कोई भी बातचीत करेगा तो उसे गांव में जो खर्च होगा उसे देना होगा का जुर्माना लगाया जाएगा, बात यही खत्म नहीं हुई यदि कोई उसके घर जाता है तो उसे भी यही जुर्माना लगाया जाएगा। ऐसे में अब इस परिवार से लोगों ने दूरी बना ली है मतलब इस परिवार के दुःख सुख में कोई शामिल नहीं होगा।इस आधुनिक युग में तेजराम निर्मलकर, ईश्वर निर्मलकर, भागीरथी निर्मलकर, गेवर साहू का पूरा परिवार अलग-थलग पड़ गया हुक्का-पानी बंद किए जाने का तुगलकी फरमान के बाद पीड़ित परिवारों ने मीडिया के माध्यम से न्याय की गुहार लगाई है और थाने में शिकायत कर जांच करने की बात कही है। यही नहीं पीड़ित परिवार ने बताया कि बेवजह उनके साथ अन्याय हो रहा है, जिसमें उसके परिवार को भी मानसिक प्रताड़ना दिया जा रहा है।
इस आधुनिक युग में समाज के ठेकेदारों एवं प्रभावशाली लोगों द्वारा जारी तुगलकी फरमान से जहां पीड़ित परिवार दहशत में हैं।उसे शासन प्रशासन से न्याय की उम्मीद है।
फिलहाल आधुनिक युग में इस मामले ने समाज के ठेकेदारों की थोथी और कुंठित मानसिकता से आज भी अपने रूढ़िवादी विचारों से लोगों को मानसिक यंत्रणा देने में अपनी शान समझते हैं, और इसी वजह से समाज में आज भी हुक्का-पानी बंद करने की कुप्रथा जीवित है। जरूरत है पुलिस प्रसाशन और समाज सेवी संस्था से जुड़े लोगों के पहल से ऐसी समस्या का तत्काल निदान किए जाने और दोषियों पर कठोर कार्रवाई किए जाने की ताकि रूढ़िवादी विचारों के ठेकेदार इस आधुनिक युग में हुक्का-पानी बंद किए जाने वाले तुगलकी फरमान जारी किसी भी परिवार को मानसिक प्रताड़ना ना दें सकें।