जिस उघगपत्तियों के खिलाफ खड़े होने के लिए जिला बचाओ संघर्ष मोर्चा बना उसी उद्योगपतियों को सम्मान करने में लगा

रायगढ़ |

शताब्दियों से फ़लीभूत रही वसुंधरा को बचाने की जंग में रायगढ़ के केलोपुत्रों ने जबसे अपने दायित्वों को सम्हाला है तभी से बाहरी उद्योगपतियों ने अपने शामत ही सोच ली इसके लिये सन1990के दशक में बना जिला बचाओ संघर्ष मोर्चा और इस बेनर ने उद्योगपतियों के दरवाजों में जा कर बेख़ौफ़ ताल ठोंकी।

अनेक मोहल्ले और सामाजिक संगठनों के सदस्यों की उपस्थिति निडरता से जिला बचाओ संघर्ष मोर्चा के बैठकों और कार्यक्रमों में रहती है और इस बेनर का रायगढ़ जिला और समहिक रूप से जनता-जनार्दन के फ़ायदे के लिये निहित होता है जबकि यह सर्वविदित है कि जिला बचाओ संघर्ष मोर्चा, रायगढ़ समूह है जो किसी की जेबी संस्था नही है।

गत दिनों रायगढ़ राजमहल परिसर में हुए सम्मान कार्यक्रमों के तहत किसी सामाजिक संस्था के पदाधिकारियों के समूह ने बाहरी उद्योगपति का सम्मान किया होगा जिसका सरोकार जिला बचाओ संघर्ष मोर्चा,रायगढ़ से नही है और मोर्चा के नियम व कार्यक्रम विगत 3 दशकों से जनता के द्वारा बनाये गए है जिसमे शोषकों और उद्योगपतियों के चौखटों को हिलाने के ऐतिहासिक कार्य किये गए है तो उनके सम्मान का सवाल ही नही उठता है।

जिला बचाओ संघर्ष मोर्चा,रायगढ़ के गणेश कछवाहा ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि एक उद्योगपति के इस  सम्मान से जिला बचाओ मोर्चा का कोई भी सरोकार नही है और बाहरी उद्योगपतियों का जत्था यह जान ले की भविष्य में भी जिला बचाओ संघर्ष मोर्चा,रायगढ़ के नाम का दुरुपयोग न करे अन्यथा उसके उद्योगों का भी काला चिट्ठा रायगढ़ की जनता के सामने रखा जाएगा।

दर असल एक उद्योगपति नेता के द्वारा एक सामाजिक संस्था में हुए सम्मान को लेकर प्रेस विज्ञप्ति जारी किया गया था जिसमें जिला बचाओ संघर्ष मोर्चा के द्वारा भी सम्मान होना बताया गया जिसे लेकर मोर्चा के वरिष्ठ पदाधिकारी गणेश कच्छवाहा के द्वारा घोर आपत्ति की गई है।

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