औद्योगिक नगरी कोरबा जिला में जिस राजस्व विभाग पर सरकारी जमीनों को भू-माफियाओें से बचाने की जिम्मेदारी हैं। उसी राजस्व विभाग की पटवारी पर अपने पति के साथ मिलकर बेशकीमती सरकारी जमीन पर कब्जा कर दबंगई दिखाने का गंभीर आरोप लग रहा हैं। स्थानीय लोगों ने इस मामले की लिखित शिकायत पुलिस में की हैं। यह भी बताया जा रहा हैं कि फर्जी तरीके से शासकीय भूमि को धारा 89 में तब्दील किया गया था, जिसे तहसीलदार न्यायायल ने पहले ही निरस्त कर दिया हैं। लेकिन महिला पटवारी के प्रभाव के सामने जवाबदार अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी हैं।
शासकीय जमीन की अफरा-तफरी कर कब्जा किये जाने का ये पूरा मामला कोरबा तहसील के ग्राम नकटीखार का हैं। बताया जा रहा हैं कि पाली पाली विकासखंड में संध्या उराव पटवारी के पद पर पदस्थ हैं। नकटीखार के स्थानीय लोगों द्वारा मानिकपुर पुलिस चैकी में शिकायत किया गया हैं कि पटवारी संध्या उराव और उसका पति मुरली उराव द्वारा नकटीखार क्षेत्र में करीब तीन एकड़ से अधिकबेशकीमती सरकारी जमीन पर बेजा कब्जा किया जा रहा हैं। ग्रामीणों का आरोप हैं कि जब इस अवैध कब्जे का विरोध किया गया, तब महिला पटवारी के पति मुरली उरांव द्वारा विवाद करते हुए जान से मारने की धमकी दी गयी। इस पूरे मामले की जब जमीनी हकीकत जाननी चाही गयी, तो पता चला कि जिस जमीन पर महिला पटवारी के पति द्वारा कब्जा किया जा रहा हैं।
उक्त जमीन को पूर्व में षड़यंत्र पूर्वक धारा 89 में दूसरी जमीन का रकबा फीट कर राजस्व रिकार्ड को दुरूस्त करा लिया गया था। लेकिन जब इस मामले की शिकायत तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू के कार्यकाल में किया गया, तब पूरे मामले की जांच शुरू की गयी। जांच में पाया गया कि शासकीय जमीन का धारा 89 में तब्दील कर निजी बता दिया गया हैं। लिहाजा तहसीलदार न्यायायल से उक्त 1.275 हेक्टेयर भूमि के धारा 89 को निरस्त करते हुए उक्त भूमि को राजस्व रिकार्ड में दर्ज करने का आदेश पटवारी और आर.आई को दिया गया था। लेकिन आज एक साल बाद भी कोरबा तहसील में न्यायालय के आदेश का ना तो पालन किया गया, और ना ही रिकार्ड को दुरूस्त किया गया।
लिहाजा इस बेशकीमती सरकारी जमीन पर राजस्व विभाग की उदासीनता के कारण एक बार फिर अवैध तरीके से कब्जे का खेल शुरू हो गया हैं। इस पूरे मामले पर जब कोरबा एसडीएम सीमा पात्रे से जानकारी चाही गयी, तो उन्होने साफ किया कि उन्हे इस मामले की जानकारी नही हैं, मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली हैं, जिसकी जांच करायी जायेगी। अगर गलत तरीके से सरकारी जमीन पर कब्जा किया जा रहा होगा, तो उस पर तत्काल कार्रवाई की जायेगी। साथ ही जांच के बाद राजस्व रिकार्ड दुरूस्त कराने की भी जानकारी उन्होने दी हैं। ऐसे में अब ये देखने वाली बात होगी कि इस मामले महिला पटवारी संध्या उरांव की क्या भूमिका हैं, ये तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा। जांच में यदि पटवारी की भूमिका संदिग्ध मिलती हैं, तो क्या राजस्व विभाग अपने ही विभाग की पटवारी पर एक्शन लेगा, ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।