स्थानीय विधानसभा टिकट के लिए हद कर दी आपने

राष्ट्रीय रामायण महोत्सव की नजर गड़ाए भी विपक्षी दल को बिना कुछ बोले मिल गया मुद्दा यह प्रोग्राम जिला प्रशासन की है या फिर कांग्रेस की?

रामायण महोत्सव कार्यक्रम से ज्यादा चर्चा कांग्रेसियों के पोस्टर वार की शहर में

क्या राम नाम के महोत्सव को उद्योगपति से बने नेता ही जो आज स्थानीय विधानसभा चुनाव में टिकट की दावेदारी कर रहे हैं कांग्रेस का बंटाधार करने में ल क्या उनको प्रदेश और जिला में कोई रोकने वाला नहीं या फिर पैसे का खुमार ??

रायगढ़ :एक तरफ जहां छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भगवान राम की परमभक्ति में डूबे नजर आ रहे हैं और इसी भक्ति मार्ग पर चलते हुए उन्होंने देश विदेश से नामी कलाकारो को बुलाकर रायगढ़ में विराट रामायण महोत्सव का आयोजन किया है। रामायण महोत्सव की तैयारियां जोर शोर से चल रही है जिला प्रशासन के पूरे अधिकारी जिनमे स्वयं जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक इसमें किसी भी प्रकार की सुई बराबर कमी रखना नहीं चाहते क्योंकि सवाल राम नाम के कार्यक्रम का है।

एक तरफ जहां पूरे देश में राजनीतिक पार्टी एवं नेताओं द्वारा अपने आप को प्रभु श्री राम का सर्वश्रेष्ठ भक्त बताने की होड़ सी मची हुई है जिसका उदाहरण स्वयं रामायण महोत्सव के इस विराट कार्यक्रम को देखकर लगाया जा सकता है विपक्षी दल किसी भी तरह से सफल होना.देना नहीं चाहते उस स्थिति में विधानसभा की टिकट की दावेदारी करने वाले उद्योगपति से नेता की चूक कहीं गलत ना साबित हो जाए
जिसकी मॉनिटरिंग खुद छत्तीसगढ़ के मुखिया पल-पल की जानकारी ले कर कर रहे हैं और ले भी क्यों न छत्तीसगढ़ के इतिहास में इस विशाल कार्यक्रम की सफलता एक नया आयाम स्थापित करेगी जो कि रायगढ़ वासियों सहित देश विदेश के रामभक्त जो भी इस कार्यक्रम को किसी भी माध्यम से देखेंगे सुनेंगे उसे इस रामायण महोत्सव के कार्यक्रम की याद दशकों तक उनके दिलो दिमाग में बनी रहेगी।

रायगढ़ के रामलीला मैदान के आसपास के क्षेत्र को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है पूरे क्षेत्र को राममय बनाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी जा रही है। जिस सड़क पर आम जनता धक्के, हिचकोले और ठोकरें खाने पर मजबूर थी उन्हें रामायण महोत्सव के कार्यक्रम ने चमक प्रदान कर दी है। परंतु वही स्थानीय कांग्रेस में होर्डिंग पोस्टर वार जमकर चल रहा है जीस को लेकर भाजपा के जिलाध्यक्ष द्वारा कुछ दिन पहले विज्ञप्ति जारी करते हुए तंज भी कसा गया था के स्थानीय विधायक की फोटो कांग्रेसियों द्वारा होर्डिंग में न लगाकर जनादेश का अपमान किया जा रहा है परंतु इससे आप ऐसा अंदाजा बिल्कुल भी ना लगा लीजिएगा कि पूर्व में भाजपा शासनकाल में ऐसा नहीं हुआ था। आज पार्टी के झंडा बुलंद करने वाले अपने आपको पार्टी का कर्तव्य लिस्ट सिपाही बताने वाले भाजपाइयों द्वारा पूर्व में पार्टी लाइन से हटकर पार्टी को कमजोर करने की पुरजोर कोशिश नहीं की गई थी। विभिन्न प्रकार के स्वघोषित आंदोलन कार्यक्रमों के जरिए पार्टी को लगातार कमजोर किया गया था और पार्टी आलाकमान ने उस समय धृतराष्ट्र की भूमिका निभाते हुए कोई ध्यान नहीं दिया जिसका नतीजा आज रायगढ़ जिला में भाजपा का एक भी विधायक का नहीं होना है।
इस कृत्य को स्थानीय कांग्रेस के आला अधिकारी जितना जल्दी समझ सके पोस्टर वार को रोक सके कांग्रेस लिए फायदेमंद होगा स्थानीय विधायक की होर्डिंग कांग्रेस के ही अपने नेता लगाने से कन्नी काट रहे हैं इससे जनता के मध्य यह संदेश जा रहा है कि जब कांग्रेसी ही विधायक को स्वीकार नहीं कर रहे हैं तो आने वाले चुनाव में जनता उन्हें कैसे स्वीकार करेगी…?
वही शहर में अभी एक उद्योगपति कांग्रेस में काफी सक्रिय माने जा रहे हैं समय-समय पर उनके द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में भी निरंतर संपर्क करके अपना एक पार्टी लाइन से अलग हटकर गुट तैयार कर लिया गया है सूत्रों की माने तो कोडिंग वार में अभी पार्टी आलाकमान द्वारा उनको जमकर फटकार बड़ी है ऐसी जन चर्चा है। यह एक बहुत बड़ा सवाल इस कार्यक्रम के जरिए खुद कांग्रेस पार्टी के ही नेता ही होर्डिंग के माध्यम से खड़े कर रहे हैं।

वही स्थानीय विधायक की आम जनता में छवि एक सुलझे हुए राजनेता के तौर पर देखी जाती है उनका हंसमुख चेहरा और लोगों से सादगी पूर्ण मिलनसार व्यवहार के चलते विरोधियों की यह चाल शायद बेचाल हो जाएगी उनकी सक्रियता का आलम यह है कि इतना बड़ा विधानसभा होने के बावजूद भी वह गांव और शहर के सभी कार्यक्रमों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं और हर कार्यकर्ता के सुख दुख में हर पल उनके साथ खड़े नजर आते हैं।

वहीं कुछ दिन पूर्व सर्किट हाउस में भी सत्ता पक्ष के पार्टियों के पार्षदों की एक बैठक महापौर और विधायक की उपस्थिति में घंटों चली जिसमें कि सूत्रों के हवाले से पता चला कि अंदर में जमकर तू तू , मैं मैं की नौबत आ गई परंतु बाहर निकलकर सभी ने एकता का संदेश देने की कोशिश की परंतु सूत्र बताते है कि कांग्रेस के अंदर खाने में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।

वहीं सत्ता पक्ष हो या विपक्ष सभी को एक बात अच्छे से समझ नहीं चाहिए कि आज सोशल मीडिया का युग चल रहा है और आज की पब्लिक सब देखती है और सब सुनती है और चुनाव के समय में ऐसे लोगों को बखूबी समझाती है। ऐसे में पार्टी आलाकमान को इस पर तत्काल गंभीरता से विचार करना चाहिए क्योंकि अब विधानसभा चुनाव में मात्र चार महा शेष रह गए हैं और पार्टी को फिर से एक बार आम जनता के बीच में जाकर एकता का संदेश देना पड़ेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button